स्तोत्रम संग्रह

Goddess Durga depicted with multiple arms and ornate attire, symbolizing Shri Vindhyeshwari Mata Stotram

विन्ध्येश्वरी माता स्तोत्रम् | श्री विंध्येश्वर...

॥ विन्ध्येश्वरी माता स्तोत्रम् ॥ निशुम्भशुम्भमर्दिनीं प्रचण्डमुण्डखण्डिनीम्। वने रणे प्रकाशिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥1॥ त्रिशूलरत्नधारिणीं धाराविघातहारिणीम्। गृहे गृहे निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥2॥ दरिद्रदुःखाहारिणीं सतां विभूतिकारिणीम्। वियोगशोकहारिणीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥3॥ लसुलोलोलोचनां लतां सदावरप्रदाम्। कपालशूलधारिणीं भजामि...

विन्ध्येश्वरी माता स्तोत्रम् | श्री विंध्येश्वर...

॥ विन्ध्येश्वरी माता स्तोत्रम् ॥ निशुम्भशुम्भमर्दिनीं प्रचण्डमुण्डखण्डिनीम्। वने रणे प्रकाशिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥1॥ त्रिशूलरत्नधारिणीं धाराविघातहारिणीम्। गृहे गृहे निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥2॥ दरिद्रदुःखाहारिणीं सतां विभूतिकारिणीम्। वियोगशोकहारिणीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्॥3॥ लसुलोलोलोचनां लतां सदावरप्रदाम्। कपालशूलधारिणीं भजामि...

Idol of Goddess Durga adorned in gold detail representing Bhagavati Mata Stotram

भगवती माता स्तोत्रम् | भगवती माता स्तोत्रम्

॥ भगवती माता स्तोत्रम् ॥ जय भगवती देवी नमो वरदेजय पापविनाशिनी बहुफलादे। जय शुम्भनिशुम्भकपालधरेप्रणमामि तु देवी नर्तिहरे॥1॥ जय चन्द्रदेवकर्णेत्रध्रेजय पावकभूषितवक्त्रवरे। जय भैरवदेहनिलीनपरेजय अंधकदैत्यविशोषकरे॥2॥ जय महिषविमर्दिनी शूलकरेजाय लोकसमस्तकपापहारे। जय देवी पितामहविष्णुतेजय...

भगवती माता स्तोत्रम् | भगवती माता स्तोत्रम्

॥ भगवती माता स्तोत्रम् ॥ जय भगवती देवी नमो वरदेजय पापविनाशिनी बहुफलादे। जय शुम्भनिशुम्भकपालधरेप्रणमामि तु देवी नर्तिहरे॥1॥ जय चन्द्रदेवकर्णेत्रध्रेजय पावकभूषितवक्त्रवरे। जय भैरवदेहनिलीनपरेजय अंधकदैत्यविशोषकरे॥2॥ जय महिषविमर्दिनी शूलकरेजाय लोकसमस्तकपापहारे। जय देवी पितामहविष्णुतेजय...

Decorative idols of Durga and other deities with intricate designs showcasing Siddha Kunjika Stotram theme

सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् | दुर्गा सिद्ध कुंजिका ...

॥ सिद्धकुंजिकास्तोत्रम् ॥ शिव उवाच शृणु देवी प्रवक्ष्यामि, कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्। येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजपः शुभो भवेत्॥1॥ न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यम्। न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वर्चन्म्॥2॥...

सिद्ध कुंजिका स्तोत्रम् | दुर्गा सिद्ध कुंजिका ...

॥ सिद्धकुंजिकास्तोत्रम् ॥ शिव उवाच शृणु देवी प्रवक्ष्यामि, कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्। येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजपः शुभो भवेत्॥1॥ न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यम्। न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वर्चन्म्॥2॥...

Beautiful depiction of Goddess Durga with multiple arms, representing Devi Aparadha Kshamapana Stotram

दुर्गा सप्तशती अपराध क्षमापन स्तोत्रम् | देवी अ...

॥ अथ्य देवपराधक्षमापनस्तोत्रम् ॥ न मंत्रं नो यंत्रं तदपि च न जाने स्तुतिमो न च्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथाः। न मुद्रा जानेस्ते तदपि च न जाने विल्पनं परं...

दुर्गा सप्तशती अपराध क्षमापन स्तोत्रम् | देवी अ...

॥ अथ्य देवपराधक्षमापनस्तोत्रम् ॥ न मंत्रं नो यंत्रं तदपि च न जाने स्तुतिमो न च्वानं ध्यानं तदपि च न जाने स्तुतिकथाः। न मुद्रा जानेस्ते तदपि च न जाने विल्पनं परं...

Tantroktam Devi Suktam statue adorned with flowers, standing on a lion amid colorful decorations

तन्त्रोक्तम् देवीसूक्तम् | दुर्गा तंत्रोक्तम् द...

॥ अथ तन्त्रोक्तं देवीसुक्तम् ॥ नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः। नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियतः प्रणताः स्म तम॥1॥ रौद्रयै नमो नित्यायै गौर्यै धात्र्यै नमो नमः। ज्योत्स्नायै चेन्दुरुपिन्यै सुखायै सततं नमः॥2॥...

तन्त्रोक्तम् देवीसूक्तम् | दुर्गा तंत्रोक्तम् द...

॥ अथ तन्त्रोक्तं देवीसुक्तम् ॥ नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः। नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियतः प्रणताः स्म तम॥1॥ रौद्रयै नमो नित्यायै गौर्यै धात्र्यै नमो नमः। ज्योत्स्नायै चेन्दुरुपिन्यै सुखायै सततं नमः॥2॥...

Vibrant depiction of Rigvedoktam Devi Suktam with intricate decorations and floral accents

ऋग्वेदोक्तम् देवी सूक्तम् | दुर्गा ऋग्वेदोक्तम्...

॥ ऋग्वेदोक्तं देवीसूक्तम् ॥ ॥ विनियोगः ॥ ॐ अहमित्यष्टर्चस्य सूक्तस्य वागंभृणि ऋषिः, सच्चित्सुखात्मकः सर्वगतः परमात्मा देवता, द्वितीयया ॠचो जगति, सृष्टानां त्रिष्टुप छंदः, देवीमाहात्म्यपाठे विनियोगः।* ॥ ध्यानम् ॥ ॐ सिंहस्थ शशिशेखर...

ऋग्वेदोक्तम् देवी सूक्तम् | दुर्गा ऋग्वेदोक्तम्...

॥ ऋग्वेदोक्तं देवीसूक्तम् ॥ ॥ विनियोगः ॥ ॐ अहमित्यष्टर्चस्य सूक्तस्य वागंभृणि ऋषिः, सच्चित्सुखात्मकः सर्वगतः परमात्मा देवता, द्वितीयया ॠचो जगति, सृष्टानां त्रिष्टुप छंदः, देवीमाहात्म्यपाठे विनियोगः।* ॥ ध्यानम् ॥ ॐ सिंहस्थ शशिशेखर...

Illustration of Goddess Durga with multiple arms and a lion, representing the Devi Atharvashirsham

देवी अथर्वशीर्षम् | दुर्गा देवी अथर्वशीर्षम्

॥ श्रीदेव्यथर्वशीर्षम् ॥ ॐ सर्वे वै देवा देवीमुपतस्तुः कासि त्वं महादेवीति॥1॥ सब्रवीत - अहं ब्रह्मस्वरूपिणी। मत्तः प्रकृतिपुरुषात्मकं जगत्। शून्यं चाशून्यं च॥2॥ अहमानन्दानन्दौ। अहं विज्ञानविज्ञाने।अहं ब्रह्माब्रह्माणि वेदितव्ये। अहं पञ्चभूतान्यपञ्चभूतानि।अहम्खिलं जगत्॥3॥ वेदोऽहमवेदोऽहम्।...

देवी अथर्वशीर्षम् | दुर्गा देवी अथर्वशीर्षम्

॥ श्रीदेव्यथर्वशीर्षम् ॥ ॐ सर्वे वै देवा देवीमुपतस्तुः कासि त्वं महादेवीति॥1॥ सब्रवीत - अहं ब्रह्मस्वरूपिणी। मत्तः प्रकृतिपुरुषात्मकं जगत्। शून्यं चाशून्यं च॥2॥ अहमानन्दानन्दौ। अहं विज्ञानविज्ञाने।अहं ब्रह्माब्रह्माणि वेदितव्ये। अहं पञ्चभूतान्यपञ्चभूतानि।अहम्खिलं जगत्॥3॥ वेदोऽहमवेदोऽहम्।...

Vibrant depiction of Goddess Durga with a lion, symbolizing strength and devotion in Tantroktam Ratri Suktam

तन्त्रोक्तम् रात्रि सूक्तम् | दुर्गा तंत्रोक्तम...

॥ अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम् ॥ ॐ विश्वेश्वरीं जगद्धात्रीं स्थितिसंहारकारिणीम्। निद्रां भगवतीं विष्णोर्तुलां तेजसः प्रभुः॥1॥ ब्रह्ममोच त्वं स्वाहा त्वं स्वधा त्वं हि वषट्कारः स्वरात्मिका। सुधा त्वमक्षरे नित्ये त्रिधा मात्रात्मिका स्थिता॥2॥ अर्धमात्रास्थिता...

तन्त्रोक्तम् रात्रि सूक्तम् | दुर्गा तंत्रोक्तम...

॥ अथ तन्त्रोक्तं रात्रिसूक्तम् ॥ ॐ विश्वेश्वरीं जगद्धात्रीं स्थितिसंहारकारिणीम्। निद्रां भगवतीं विष्णोर्तुलां तेजसः प्रभुः॥1॥ ब्रह्ममोच त्वं स्वाहा त्वं स्वधा त्वं हि वषट्कारः स्वरात्मिका। सुधा त्वमक्षरे नित्ये त्रिधा मात्रात्मिका स्थिता॥2॥ अर्धमात्रास्थिता...

Divine depiction of Goddess Durga with Vedoktam Ratri Suktam elements in a vibrant background

वेदोक्तम् रात्रि सूक्तम् | दुर्गा वेदोक्तम् रात...

॥ अथ वेदोक्तं रात्रिसूक्तम् ॥ ॐ रात्रिद्याष्टर्चस्य सूक्तस्यकुशिकः सौभरो रात्रिरवा भारद्वाजो ऋषिः, रात्रिर्देवता, गायत्री छंदः, देवीमहात्म्यपते विनियोगः। ॐ रात्रि व्यख्यादयति पुरुत्रा देव्यक्षभिः। विश्वा अधिश्रियोऽधीत॥1॥ ओर्वप्रा अमृत्यनिवततो देव्युद्वतः। ज्योतिषा बाधते तमः॥2॥...

वेदोक्तम् रात्रि सूक्तम् | दुर्गा वेदोक्तम् रात...

॥ अथ वेदोक्तं रात्रिसूक्तम् ॥ ॐ रात्रिद्याष्टर्चस्य सूक्तस्यकुशिकः सौभरो रात्रिरवा भारद्वाजो ऋषिः, रात्रिर्देवता, गायत्री छंदः, देवीमहात्म्यपते विनियोगः। ॐ रात्रि व्यख्यादयति पुरुत्रा देव्यक्षभिः। विश्वा अधिश्रियोऽधीत॥1॥ ओर्वप्रा अमृत्यनिवततो देव्युद्वतः। ज्योतिषा बाधते तमः॥2॥...

Statue of a goddess adorned with flowers, representing the devotion in Ath Keelakam Stotram

अथ कीलकम् स्तोत्रम् | अथ कीलकं स्तोत्रम्

॥ अथ कीलकम् ॥ ॐ अस्य श्रीकील्कमन्त्रस्य शिव ऋषिः,अनुष्टुप छन्दः, श्रीमहासरस्वती देवता, श्रीजगदम्बाप्रीत्यर्थं सप्तशतीपथाङगत्वेन जपे विनियोगः। ॐ नमश्चण्डिकायै॥ मार्कण्डेय उवाच ॐ दिव्यज्ञानदेहाय राक्षसादिव्यचक्षुशे। श्रेयःप्राप्तिनिमिततय नमः सोमार्धाधारिणे॥1॥ सर्वमेतद्विजानीयानमन्त्रणामभिकिलकम्। सोऽपि क्षेममावाप्नोति सततं...

अथ कीलकम् स्तोत्रम् | अथ कीलकं स्तोत्रम्

॥ अथ कीलकम् ॥ ॐ अस्य श्रीकील्कमन्त्रस्य शिव ऋषिः,अनुष्टुप छन्दः, श्रीमहासरस्वती देवता, श्रीजगदम्बाप्रीत्यर्थं सप्तशतीपथाङगत्वेन जपे विनियोगः। ॐ नमश्चण्डिकायै॥ मार्कण्डेय उवाच ॐ दिव्यज्ञानदेहाय राक्षसादिव्यचक्षुशे। श्रेयःप्राप्तिनिमिततय नमः सोमार्धाधारिणे॥1॥ सर्वमेतद्विजानीयानमन्त्रणामभिकिलकम्। सोऽपि क्षेममावाप्नोति सततं...

Artistic depiction of Goddess Durga with multiple arms representing power, relevant to Argala Stotram

अर्गला स्तोत्रम् | दुर्गा अर्गला स्तोत्रम

॥ अथार्गलास्तोत्रम् ॥ ॐ अस्य श्रीअर्गलास्तोत्रमन्त्रस्य विष्णुऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीमहालक्ष्मीर्देवता, श्रीजगदम्बा प्रीतयेसप्तशतीपाठङगत्वेन जपे विनियोगः॥ ॐ नमश्चण्डिकायै॥ मार्कण्डेय उवाच ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा...

अर्गला स्तोत्रम् | दुर्गा अर्गला स्तोत्रम

॥ अथार्गलास्तोत्रम् ॥ ॐ अस्य श्रीअर्गलास्तोत्रमन्त्रस्य विष्णुऋषिः, अनुष्टुप छन्दः, श्रीमहालक्ष्मीर्देवता, श्रीजगदम्बा प्रीतयेसप्तशतीपाठङगत्वेन जपे विनियोगः॥ ॐ नमश्चण्डिकायै॥ मार्कण्डेय उवाच ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा...

Goddess Durga on a lion, representing the Mahishasura Mardini Stotram in a radiant backdrop

महिषासुर मर्दिनि स्तोत्रम् | महिषासुर मर्दिनी स...

॥ महिषासुर मर्दिनि स्तोत्रम् ॥ अयि गिरिन्नन्दिनी नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनी नन्दिनुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनी विष्णुविलासिनी जिष्णुनुते। भगवती हे शितिकन्थुकुटुम्बिनी भूरिकुटुम्बिनी भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनी रम्यकपर्दिनी शैलसुते॥1॥ सुर्ववर्षिणि दुर्धर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोशिनि शंकरतोशिनि...

महिषासुर मर्दिनि स्तोत्रम् | महिषासुर मर्दिनी स...

॥ महिषासुर मर्दिनि स्तोत्रम् ॥ अयि गिरिन्नन्दिनी नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनी नन्दिनुते गिरिवरविन्ध्यशिरोऽधिनिवासिनी विष्णुविलासिनी जिष्णुनुते। भगवती हे शितिकन्थुकुटुम्बिनी भूरिकुटुम्बिनी भूरिकृते जय जय हे महिषासुरमर्दिनी रम्यकपर्दिनी शैलसुते॥1॥ सुर्ववर्षिणि दुर्धर्षिणि दुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोशिनि शंकरतोशिनि...

Goddess Durga depicted riding a tiger, symbolizing power and strength, related to Navadurga Stotram

नवदुर्गा स्तोत्रम् | नवदुर्गा स्तोत्रम्

॥ नवदुर्गा स्तोत्रम् ॥ ॥ देवी शैलपुत्री ॥ वन्दे वांच्छि तलभायचंद्रार्धकृतशेखरम्। वृषारूढ़ाम् शूलधरंशैलपुत्री यशस्विनीम्॥1॥ ॥ देवी ब्रह्मचारिणी ॥ दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयिब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥2॥ ॥ देवी चन्द्रघंटा ॥ पिंडजप्रवरारूढ़ाचांदकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं...

नवदुर्गा स्तोत्रम् | नवदुर्गा स्तोत्रम्

॥ नवदुर्गा स्तोत्रम् ॥ ॥ देवी शैलपुत्री ॥ वन्दे वांच्छि तलभायचंद्रार्धकृतशेखरम्। वृषारूढ़ाम् शूलधरंशैलपुत्री यशस्विनीम्॥1॥ ॥ देवी ब्रह्मचारिणी ॥ दधाना करपद्माभ्यामक्षमाला कमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयिब्रह्मचारिण्यनुत्तमा॥2॥ ॥ देवी चन्द्रघंटा ॥ पिंडजप्रवरारूढ़ाचांदकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं...

Artistic depiction of Shri Tulsi Stotram with deities in vibrant attire and a tulsi plant in the background

श्री तुलसी स्तोत्रम || श्री तुलसी स्तोत्रम्

॥ तुलसी माता स्तोत्रम् ॥ जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे। यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन्तकारिणः॥1॥ नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे। नमो मोक्षप्रदे देवी नमः सम्पतप्रदायिके॥2॥ तुलसी पातु मां नित्यं सर्वपद्भ्योऽपि सर्वदा। कीर्तितापि...

श्री तुलसी स्तोत्रम || श्री तुलसी स्तोत्रम्

॥ तुलसी माता स्तोत्रम् ॥ जगद्धात्रि नमस्तुभ्यं विष्णोश्च प्रियवल्लभे। यतो ब्रह्मादयो देवाः सृष्टिस्थित्यन्तकारिणः॥1॥ नमस्तुलसि कल्याणि नमो विष्णुप्रिये शुभे। नमो मोक्षप्रदे देवी नमः सम्पतप्रदायिके॥2॥ तुलसी पातु मां नित्यं सर्वपद्भ्योऽपि सर्वदा। कीर्तितापि...

Colorful depiction of Goddess Annapurna, symbolizing prosperity, with the Annapurna Mata Stotram keyword included

अन्नपूर्णा माता स्तोत्रम् | अन्नपूर्णा माता स्त...

॥ अन्नपूर्णा माता स्तोत्रम् ॥ नित्यानन्दकरी वराभयाकरी सौन्दर्यरत्नाकरी निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमहेश्वरी। प्रलेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलंबनकारी मतन्नपूर्णेश्वरी॥1॥ नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी मुक्ताहारविलंबमान-विलासद्वक्षोजकुम्भन्तरि। काशीरागुरुवासिताङगुरुचिरे काशीपुराधीश्वर भिक्षां देहि कृपावलंबनकारी मतन्नपूर्णेश्वरी॥2॥ योगानंदकरी रिपुक्षयाकारी धर्मार्थनिताकारी चंद्रार्कनलाभासमानलहरि त्रैलोक्यरक्षाकरी।...

अन्नपूर्णा माता स्तोत्रम् | अन्नपूर्णा माता स्त...

॥ अन्नपूर्णा माता स्तोत्रम् ॥ नित्यानन्दकरी वराभयाकरी सौन्दर्यरत्नाकरी निर्धूताखिलघोरपावनकरी प्रत्यक्षमहेश्वरी। प्रलेयाचलवंशपावनकरी काशीपुराधीश्वरी भिक्षां देहि कृपावलंबनकारी मतन्नपूर्णेश्वरी॥1॥ नानारत्नविचित्रभूषणकरी हेमाम्बराडम्बरी मुक्ताहारविलंबमान-विलासद्वक्षोजकुम्भन्तरि। काशीरागुरुवासिताङगुरुचिरे काशीपुराधीश्वर भिक्षां देहि कृपावलंबनकारी मतन्नपूर्णेश्वरी॥2॥ योगानंदकरी रिपुक्षयाकारी धर्मार्थनिताकारी चंद्रार्कनलाभासमानलहरि त्रैलोक्यरक्षाकरी।...

Ganga Mata Stotram illustration depicting Goddess Ganga with lotus and pot by a river in a scenic landscape

गंगा माता स्तोत्रम् | गंगा माता स्तोत्रम्

॥ गंगा माता स्तोत्रम् ॥ देवी सुरेश्वरी भगवती गंगात्रिभुवनतारिणी। शंकरमौलिविहारिनि विल्मे मममतिरास्तां तव पदकमले॥1॥ भागीरथिसुखदायिनी मातस्त्वजलमहिमा निगमे ख्यातः। नाहं जाने तव महिमानानपाहि कृपामयी मामज्ञानम्॥2॥ हरिपपाद्यतरङ्गिन गंगाङ्गेहिमविधुमुक्तधावलतरङगे। दूरीकुरु मम दुष्कृतिभरणकुरु कृपया...

गंगा माता स्तोत्रम् | गंगा माता स्तोत्रम्

॥ गंगा माता स्तोत्रम् ॥ देवी सुरेश्वरी भगवती गंगात्रिभुवनतारिणी। शंकरमौलिविहारिनि विल्मे मममतिरास्तां तव पदकमले॥1॥ भागीरथिसुखदायिनी मातस्त्वजलमहिमा निगमे ख्यातः। नाहं जाने तव महिमानानपाहि कृपामयी मामज्ञानम्॥2॥ हरिपपाद्यतरङ्गिन गंगाङ्गेहिमविधुमुक्तधावलतरङगे। दूरीकुरु मम दुष्कृतिभरणकुरु कृपया...

Colorful representation of Navagraha Stotram with deities and their symbols in vibrant art

नवग्रह स्तोत्रम् | नवग्रह स्तोत्रम्

॥ नवग्रह स्तोत्रम् ॥ ॥ भगवान सूर्य ॥ जपकुसुमसंकाशांकाश्यपेयं महाद्युतिम्। तमोऽरिं सर्वपाघ्नंप्रांतोऽस्मि दिवाकरम्॥1॥ ॥ भगवान चन्द्र ॥ दधिशङ्खतुषाराभंक्षीरोधार्णवसंभवम्। नमामि शशिनं सोमांशंभोर्मुकुटभूषणम्॥2॥ ॥ भगवान मंगल ॥ धरणीगर्भसंभूतंविद्युत्कांतिसमप्रभम्। कुमारं शक्तिहस्तन्तं मङ्गलं प्रणमाम्यहम्॥3॥...

नवग्रह स्तोत्रम् | नवग्रह स्तोत्रम्

॥ नवग्रह स्तोत्रम् ॥ ॥ भगवान सूर्य ॥ जपकुसुमसंकाशांकाश्यपेयं महाद्युतिम्। तमोऽरिं सर्वपाघ्नंप्रांतोऽस्मि दिवाकरम्॥1॥ ॥ भगवान चन्द्र ॥ दधिशङ्खतुषाराभंक्षीरोधार्णवसंभवम्। नमामि शशिनं सोमांशंभोर्मुकुटभूषणम्॥2॥ ॥ भगवान मंगल ॥ धरणीगर्भसंभूतंविद्युत्कांतिसमप्रभम्। कुमारं शक्तिहस्तन्तं मङ्गलं प्रणमाम्यहम्॥3॥...

Artistic depiction of Lord Shani with vibrant cosmic background promoting Shani Stotram

शनि स्तोत्रम् | शनि स्तोत्रम्

॥ शनैश्चरस्तोत्रम् ॥ ॥ विनियोग ॥ श्रीगणेशाय नमः॥ अस्य श्रीशनैश्चरस्तोत्रस्य। दशहरा ऋषिः॥ शनैश्चरो देवता। त्रिष्टुप छन्दः॥ इश्चश्चरप्रीत्यरथ जपे विनियोगः॥ ॥ दशरथ उवाच ॥ कोणोऽन्तको रौद्रयमोऽथ बभ्रुः कृष्णः शनिः पिङ्गलमन्दसूरिः। नित्यं...

शनि स्तोत्रम् | शनि स्तोत्रम्

॥ शनैश्चरस्तोत्रम् ॥ ॥ विनियोग ॥ श्रीगणेशाय नमः॥ अस्य श्रीशनैश्चरस्तोत्रस्य। दशहरा ऋषिः॥ शनैश्चरो देवता। त्रिष्टुप छन्दः॥ इश्चश्चरप्रीत्यरथ जपे विनियोगः॥ ॥ दशरथ उवाच ॥ कोणोऽन्तको रौद्रयमोऽथ बभ्रुः कृष्णः शनिः पिङ्गलमन्दसूरिः। नित्यं...

Divine Illustration of Shri Lakshminarasimha Stotram Representing Lord Narasimha Arising in Glory

श्री लक्ष्मीनृसिंह स्तोत्रम् | श्री लक्ष्मीनरसि...

॥ श्री लक्ष्मीनृसिंह स्तोत्रम् ॥ श्रीमत्पयोनिकेतन चक्रपाणेभोगीन्द्रभोगमणिरंजितपुण्यमूर्ते। योगीश शाश्वत शरण्य भवाब्धिपोतलक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्॥1॥ ब्रह्मेन्द्ररुद्रमरुदर्ककिरीटकोटिसङघट्टिताङघ्रिकमलामलकान्तिकान्त। लक्ष्मीलसत्कुचसरोरुहराजहंसलक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्॥2॥ संसारघोरघने चरतो मुरारेमारोग्रभिक्रममृगप्रचुरार्दित्स्य। आर्तस्य मत्सरनिदाघनिपीडितस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्॥3॥ विश्वकूपमतिघोरमगढ़मूलसंप्राप्य दुःखशतसर्पसमाकुलस्य।...

श्री लक्ष्मीनृसिंह स्तोत्रम् | श्री लक्ष्मीनरसि...

॥ श्री लक्ष्मीनृसिंह स्तोत्रम् ॥ श्रीमत्पयोनिकेतन चक्रपाणेभोगीन्द्रभोगमणिरंजितपुण्यमूर्ते। योगीश शाश्वत शरण्य भवाब्धिपोतलक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्॥1॥ ब्रह्मेन्द्ररुद्रमरुदर्ककिरीटकोटिसङघट्टिताङघ्रिकमलामलकान्तिकान्त। लक्ष्मीलसत्कुचसरोरुहराजहंसलक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्॥2॥ संसारघोरघने चरतो मुरारेमारोग्रभिक्रममृगप्रचुरार्दित्स्य। आर्तस्य मत्सरनिदाघनिपीडितस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलम्॥3॥ विश्वकूपमतिघोरमगढ़मूलसंप्राप्य दुःखशतसर्पसमाकुलस्य।...

Artistic depiction of Lord Krishna embodying Shri Govinda Damodara Stotram with vibrant colors

श्री गोविंद दामोदर स्तोत्रम् | श्री गोविंद दामो...

॥ श्री गोविंद दामोदर स्तोत्रम् ॥ अग्रे कुरुनामथ पाण्डवानान्दुःशासनेणहृतवस्त्रकेशः। कृष्णा तदाक्रोशदन्यानाथगोविन्द दामोदर माधवेति॥1॥ श्रीकृष्ण विष्णु मधुकैटभरेभक्तानुकंपिन भगवान मुरारे। त्रायस्व माँ केशव लोकनाथगोविन्द दामोदर माधवेति॥2॥ विक्रेतुकामाखिलगोपन्यामुरारिपादर्पितचित्तवृत्तिः। दध्यादिकं मोहवशादवोचद्गोविन्द दामोदर माधवेति॥3॥ उलुखले...

श्री गोविंद दामोदर स्तोत्रम् | श्री गोविंद दामो...

॥ श्री गोविंद दामोदर स्तोत्रम् ॥ अग्रे कुरुनामथ पाण्डवानान्दुःशासनेणहृतवस्त्रकेशः। कृष्णा तदाक्रोशदन्यानाथगोविन्द दामोदर माधवेति॥1॥ श्रीकृष्ण विष्णु मधुकैटभरेभक्तानुकंपिन भगवान मुरारे। त्रायस्व माँ केशव लोकनाथगोविन्द दामोदर माधवेति॥2॥ विक्रेतुकामाखिलगोपन्यामुरारिपादर्पितचित्तवृत्तिः। दध्यादिकं मोहवशादवोचद्गोविन्द दामोदर माधवेति॥3॥ उलुखले...

Statue of Shri Hanuman showing devotion with the Shri Hanuman Tandav Stotram engraved

श्री हनुमान् ताण्डव स्तोत्रम् | श्री हनुमान तां...

॥ श्रीहनुमत्तण्डवस्तोत्रम् ॥ ॥ ध्यान ॥ वन्दे सिन्दूरवर्णभं लोहिताम्बरभूषितम्। रक्ताङ्ग्राघशोभाध्यं शोणपुच्छं कपीश्वरम्॥ ॥ स्तोत्र पाठ ॥ भजे समीरनन्दनं, सुभक्तचित्तरंजनं, दिनेशरूपभक्तं, सर्वभक्तरक्षकम्। सुकंठकार्यसाधकं, रोजगारसाधकं, समुद्रपरागामिनं, नमामि सिद्धकामिनम्॥1॥ सुशक्कितं सुकंठभुक्त्वान् हि यो...

श्री हनुमान् ताण्डव स्तोत्रम् | श्री हनुमान तां...

॥ श्रीहनुमत्तण्डवस्तोत्रम् ॥ ॥ ध्यान ॥ वन्दे सिन्दूरवर्णभं लोहिताम्बरभूषितम्। रक्ताङ्ग्राघशोभाध्यं शोणपुच्छं कपीश्वरम्॥ ॥ स्तोत्र पाठ ॥ भजे समीरनन्दनं, सुभक्तचित्तरंजनं, दिनेशरूपभक्तं, सर्वभक्तरक्षकम्। सुकंठकार्यसाधकं, रोजगारसाधकं, समुद्रपरागामिनं, नमामि सिद्धकामिनम्॥1॥ सुशक्कितं सुकंठभुक्त्वान् हि यो...

Vibrant depiction of Lord Hanuman embodying Viravinshatikakhyam Shri Hanumat Stotram with multiple attributes

वीरविंशतिकाख्यं श्री हनुमत्सोत्रम् | वीरविंशतिक...

॥ वीरविंशतिकाख्यं श्री हनुमत्सोत्रम् ॥ लाङ्गूलमृष्टविद्यादम्बुधिमध्यमार्ग मुत्प्लुत्ययांन्तमरेन्द्रमुदो निदानम्। असफलितस्वकभुजस्फुटिताद्रिकांदं द्राङमैथिलिनेन्नन्दनमाद्य वन्दे॥1॥ मध्येनिशाचरमहाभयदुर्विषह्यं घोरद्भुतव्रतमियां यददश्चचर। पतये तदस्य बहुधापरिणामदूतं वीचस्कृताननुं हनुमन्तमीडे॥2॥ यः पादपङ्कजयुगं रघुनाथपत्न्या नैराश्यरूषितविरक्तमपि स्वरागयः। प्रागेव रागि विद्धे बहु वंदमानो वंदेञ्जनाजनुषमेष...

वीरविंशतिकाख्यं श्री हनुमत्सोत्रम् | वीरविंशतिक...

॥ वीरविंशतिकाख्यं श्री हनुमत्सोत्रम् ॥ लाङ्गूलमृष्टविद्यादम्बुधिमध्यमार्ग मुत्प्लुत्ययांन्तमरेन्द्रमुदो निदानम्। असफलितस्वकभुजस्फुटिताद्रिकांदं द्राङमैथिलिनेन्नन्दनमाद्य वन्दे॥1॥ मध्येनिशाचरमहाभयदुर्विषह्यं घोरद्भुतव्रतमियां यददश्चचर। पतये तदस्य बहुधापरिणामदूतं वीचस्कृताननुं हनुमन्तमीडे॥2॥ यः पादपङ्कजयुगं रघुनाथपत्न्या नैराश्यरूषितविरक्तमपि स्वरागयः। प्रागेव रागि विद्धे बहु वंदमानो वंदेञ्जनाजनुषमेष...

Artistic depiction of Aditya Hridyaya Stotram with Lord Surya on a chariot led by horses

आदित्य हृदय स्तोत्रम् | आदित्य हृदय स्तोत्रम्

॥ आदित्य हृदय स्तोत्रम् ॥ विनियोग ॐ अस्य आदित्यहृदय स्तोत्रस्य अगस्त्यऋषिः अनुष्टुपच्छन्दः आदित्यहृदयभूतो। भगवान ब्रह्मा देवता पुताशेषविघ्नताया ब्रह्माविद्यासिद्धौ सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः॥ ततो युद्धपरिश्रांतंसमेरे चिन्तया स्थितम्। रावणं चाग्रतो दृष्ट्वायुद्धाय समुपस्थितम्॥1॥...

आदित्य हृदय स्तोत्रम् | आदित्य हृदय स्तोत्रम्

॥ आदित्य हृदय स्तोत्रम् ॥ विनियोग ॐ अस्य आदित्यहृदय स्तोत्रस्य अगस्त्यऋषिः अनुष्टुपच्छन्दः आदित्यहृदयभूतो। भगवान ब्रह्मा देवता पुताशेषविघ्नताया ब्रह्माविद्यासिद्धौ सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः॥ ततो युद्धपरिश्रांतंसमेरे चिन्तया स्थितम्। रावणं चाग्रतो दृष्ट्वायुद्धाय समुपस्थितम्॥1॥...

Vibrant depiction of Lord Rama with a bow, symbolizing Rama Tandava Stotram in a colorful background

राम तांडव स्तोत्रम् | राम तांडव स्तोत्रम्

॥ श्रीरामताण्डवस्तोत्रम् ॥ ॥ इन्द्रादयो उचुः ॥ जातकात्युक्तमुण्डप्रान्तविस्त्रितं हरेः अपाङ्गक्रुद्धदर्शनोपहार चित्रकुन्तलः। प्रचण्डवेगकारणेन पिंजलः प्रतिग्रहः स क्रुद्धताण्डवस्वरूपधृग्विविते हरिः॥1॥ अथेह दृश्यहपर्ष्निप्राग्वरूथिनि निशङ्गिनः तत्ञ्जनेयऋक्षभूपसौरबलीनन्दनाः। प्रचण्डदानवानलं समुद्रतुल्यनाकाः नमोऽस्तुते सुररिचक्रभक्षकाय मृत्यवे॥2॥ कलेवरे कषायवसहस्तकार्मुखं हरेः उपासनोपसाङगमार्थधृग्विषाखमंडलम्।...

राम तांडव स्तोत्रम् | राम तांडव स्तोत्रम्

॥ श्रीरामताण्डवस्तोत्रम् ॥ ॥ इन्द्रादयो उचुः ॥ जातकात्युक्तमुण्डप्रान्तविस्त्रितं हरेः अपाङ्गक्रुद्धदर्शनोपहार चित्रकुन्तलः। प्रचण्डवेगकारणेन पिंजलः प्रतिग्रहः स क्रुद्धताण्डवस्वरूपधृग्विविते हरिः॥1॥ अथेह दृश्यहपर्ष्निप्राग्वरूथिनि निशङ्गिनः तत्ञ्जनेयऋक्षभूपसौरबलीनन्दनाः। प्रचण्डदानवानलं समुद्रतुल्यनाकाः नमोऽस्तुते सुररिचक्रभक्षकाय मृत्यवे॥2॥ कलेवरे कषायवसहस्तकार्मुखं हरेः उपासनोपसाङगमार्थधृग्विषाखमंडलम्।...