चालीसा संग्रह

श्री साईं चालीसा
॥चौपाई॥ पहले साई के स्टेज में, अपना शीश नामाऊं मैं। कैसे शिरडी साई आये, सारा हाल सुनूं मैं॥ माँ कौन है, पिता कौन है, ये न किसी ने भी जाना।...
श्री साईं चालीसा
॥चौपाई॥ पहले साई के स्टेज में, अपना शीश नामाऊं मैं। कैसे शिरडी साई आये, सारा हाल सुनूं मैं॥ माँ कौन है, पिता कौन है, ये न किसी ने भी जाना।...

श्री शिव चालीसा
॥दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोदास तुम, देहु अभय भूषण॥ ॥चौपाई॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुंडल...
श्री शिव चालीसा
॥दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान। कहत अयोदास तुम, देहु अभय भूषण॥ ॥चौपाई॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके। कानन कुंडल...

श्री शनि चालीसा
॥दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करन कृपाल। दीन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु...
श्री शनि चालीसा
॥दोहा॥ जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करन कृपाल। दीन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥ जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज। करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु...

श्री बजरंग बाण
॥दोहा॥ निश्चय प्रेम विशेष ते, बिनय करै सनमान। तेहि के कर्ज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान्॥ ॥चौपाई॥ जय हनुमंत संत हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज विलम...
श्री बजरंग बाण
॥दोहा॥ निश्चय प्रेम विशेष ते, बिनय करै सनमान। तेहि के कर्ज सकल शुभ, सिद्ध करै हनुमान्॥ ॥चौपाई॥ जय हनुमंत संत हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज विलम...

श्री कृष्ण चालीसा
॥दोहा॥ बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम। अरुण अधर जनु बिम्बा फल, नयन कमल अभिराम॥ पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पिताम्बर शुभ साज। जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज॥...
श्री कृष्ण चालीसा
॥दोहा॥ बंशी शोभित कर मधुर, नील जलद तन श्याम। अरुण अधर जनु बिम्बा फल, नयन कमल अभिराम॥ पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख, पिताम्बर शुभ साज। जय मनमोहन मदन छवि, कृष्णचन्द्र महाराज॥...

श्री राम चालीसा
॥चौपाई॥ श्री रघुबीर भक्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥ निशि दिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और न होई॥ ध्यान धरें शिवजी मन मनही। ब्रह्मा इन्द्र पार...
श्री राम चालीसा
॥चौपाई॥ श्री रघुबीर भक्त हितकारी। सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥ निशि दिन ध्यान धरै जो कोई। ता सम भक्त और न होई॥ ध्यान धरें शिवजी मन मनही। ब्रह्मा इन्द्र पार...

श्री सूर्य देव चालीसा
॥दोहा॥ कनक बंधन कुंडल मकर, मुक्ता मंगल अङ्ग। पद्मासन स्थित ध्यायी, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥चौपाई॥ जय सविता जय जयति दिवाकर! सहस्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंगे! मेरीची! भास्कर!। हंस! सुनूर...
श्री सूर्य देव चालीसा
॥दोहा॥ कनक बंधन कुंडल मकर, मुक्ता मंगल अङ्ग। पद्मासन स्थित ध्यायी, शंख चक्र के सङ्ग॥ ॥चौपाई॥ जय सविता जय जयति दिवाकर! सहस्रांशु! सप्ताश्व तिमिरहर॥ भानु! पतंगे! मेरीची! भास्कर!। हंस! सुनूर...

श्री गणेश चालीसा
॥दोहा॥ जय गणपति सदगुण प्रभु, कविवर भगवान कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ ॥चौपाई॥ जय जय जय गणपति गणराजू। मंगल धारण करण शुभः काजू॥ जय गजबदन सदन सुखदाता।...
श्री गणेश चालीसा
॥दोहा॥ जय गणपति सदगुण प्रभु, कविवर भगवान कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण, जय जय गिरिजालाल॥ ॥चौपाई॥ जय जय जय गणपति गणराजू। मंगल धारण करण शुभः काजू॥ जय गजबदन सदन सुखदाता।...

श्री शीतला माता चालीसा
॥दोहा॥ जय-जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान। होय कोमल शीतल हृदय, विकास बुद्धि बलज्ञान॥ ॥चौपाई॥ जय-जय-जय शीतला भवानी। जय जग जननि सकल गुणखानि॥ गृह-गृह शक्ति विवाह राजित। पूरन शरदचन्द्र...
श्री शीतला माता चालीसा
॥दोहा॥ जय-जय माता शीतला, तुमहिं धरै जो ध्यान। होय कोमल शीतल हृदय, विकास बुद्धि बलज्ञान॥ ॥चौपाई॥ जय-जय-जय शीतला भवानी। जय जग जननि सकल गुणखानि॥ गृह-गृह शक्ति विवाह राजित। पूरन शरदचन्द्र...

श्री ललिता माता चालीसा
॥चौपाई॥ जयति जयति जय ललिते माता। तव गुण महिमा है महिमा॥ तु सुंदरी, त्रिपुरेश्वरी देवी। सुर नर मुनि तेरे पद सेवी॥ तू कल्याणी अभिलाषा निवारिणी। तु सुख दायिनी, विपदा हारिणी॥...
श्री ललिता माता चालीसा
॥चौपाई॥ जयति जयति जय ललिते माता। तव गुण महिमा है महिमा॥ तु सुंदरी, त्रिपुरेश्वरी देवी। सुर नर मुनि तेरे पद सेवी॥ तू कल्याणी अभिलाषा निवारिणी। तु सुख दायिनी, विपदा हारिणी॥...

श्री गंगा माता चालीसा
॥चौपाई॥ जय जय जननि हरणा अघाखानि। आनंद करण महारानी गंगा॥ जय भागीरथी सुरसरि माता। कलिमल मूल डालिनी संग्रहालया॥ जय जय जहानु सुता अघ हननि। भीष्म की माता जग जननी॥ धवल...
श्री गंगा माता चालीसा
॥चौपाई॥ जय जय जननि हरणा अघाखानि। आनंद करण महारानी गंगा॥ जय भागीरथी सुरसरि माता। कलिमल मूल डालिनी संग्रहालया॥ जय जय जहानु सुता अघ हननि। भीष्म की माता जग जननी॥ धवल...

श्री सरस्वती माता चालीसा
॥दोहा॥ जन जननी पद कमल रज, निज मस्तक पर धरि। बंदौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥ पूर्ण जगत में व्याप्ति टीवी, महिमा अमित अनन्तु। रामसागर के पाप को, मातु...
श्री सरस्वती माता चालीसा
॥दोहा॥ जन जननी पद कमल रज, निज मस्तक पर धरि। बंदौं मातु सरस्वती, बुद्धि बल दे दातारि॥ पूर्ण जगत में व्याप्ति टीवी, महिमा अमित अनन्तु। रामसागर के पाप को, मातु...

श्री दुर्गा माता चालीसा
॥चौपाई॥ नमो नमो दुर्गे सुख करणि। नमो नमो अम्बे दुःख हरनी॥ निराकार है ज्योति विवाह। तिहूँ लोक फ़ोटोग्राफ़ उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविद्यालय। नेत्र लाल भृकुटि विकारला॥ रूप मातु को...
श्री दुर्गा माता चालीसा
॥चौपाई॥ नमो नमो दुर्गे सुख करणि। नमो नमो अम्बे दुःख हरनी॥ निराकार है ज्योति विवाह। तिहूँ लोक फ़ोटोग्राफ़ उजियारी॥ शशि ललाट मुख महाविद्यालय। नेत्र लाल भृकुटि विकारला॥ रूप मातु को...

श्री गायत्री माता चालीसा
॥दोहा॥ ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभु जीवन ज्योति प्रचण्ड। शान्ति कान्ति जागृति प्रगति रचना शक्ति अखण्ड॥ जगत जननी मंगल करणीगाय सुखधाम। प्रणवों गायत्री स्वधा स्वाहा पूर्ण काम॥ · • —–...
श्री गायत्री माता चालीसा
॥दोहा॥ ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभु जीवन ज्योति प्रचण्ड। शान्ति कान्ति जागृति प्रगति रचना शक्ति अखण्ड॥ जगत जननी मंगल करणीगाय सुखधाम। प्रणवों गायत्री स्वधा स्वाहा पूर्ण काम॥ · • —–...

श्री तुलसी माता चालीसा
॥दोहा॥ जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रियसी श्री वृंदा गुण खानी॥ श्री हरि आशीष बिरजिनि, देहु अमर वर अंब। बर्बाद हे वृंदावनी अब न करहु विलाम॥...
श्री तुलसी माता चालीसा
॥दोहा॥ जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रियसी श्री वृंदा गुण खानी॥ श्री हरि आशीष बिरजिनि, देहु अमर वर अंब। बर्बाद हे वृंदावनी अब न करहु विलाम॥...

श्री लक्ष्मी माता चालीसा
॥दोहा॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास। मन सिद्ध करि, पुरुवहु मेरी आस॥ · • —– ٠ ॐ ٠ —–·· · • —– ٠ ॐ ٠ —– •...
श्री लक्ष्मी माता चालीसा
॥दोहा॥ मातु लक्ष्मी करि कृपा, करो हृदय में वास। मन सिद्ध करि, पुरुवहु मेरी आस॥ · • —– ٠ ॐ ٠ —–·· · • —– ٠ ॐ ٠ —– •...

श्री हनुमान चालीसा
॥दोहा॥ · • —– ٠ ॐ ٠ —–·· · • —– ٠ ॐ ٠ —– • · श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि। बरनौं रघुबर विमल जासु,...
श्री हनुमान चालीसा
॥दोहा॥ · • —– ٠ ॐ ٠ —–·· · • —– ٠ ॐ ٠ —– • · श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मनु मुकुर सुधारि। बरनौं रघुबर विमल जासु,...