जय पार्वती माता जय पार्वती माता।
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता॥
जय पार्वती माता
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता॥
जय पार्वती माता
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अरिकुल पद्म विनाशिनि जय सेवक त्राता।
जग जीवन जगदम्बा, हरिहर गुण गाता॥
जय पार्वती माता
जग जीवन जगदम्बा, हरिहर गुण गाता॥
जय पार्वती माता
• · • —– ٠ ॐ ٠ —– • · •
सिंह को वाहन साजे, कुण्डल हैं साथा।
देव वधू जस गावत, नृत्य करत ताथा॥
जय पार्वती माता
देव वधू जस गावत, नृत्य करत ताथा॥
जय पार्वती माता
• · • —– ٠ ॐ ٠ —– • · •
सतयुग रूपशील अतिसुन्दर, नाम सती कहलाता।
हेमांचल घर जन्मी, सखियन संग राता॥
जय पार्वती माता
हेमांचल घर जन्मी, सखियन संग राता॥
जय पार्वती माता
• · • —– ٠ ॐ ٠ —– • · •
शुम्भ निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्थाता।
सहस्त्र भुजा तनु धरि के, चक्र लियो हाथा॥
जय पार्वती माता
सहस्त्र भुजा तनु धरि के, चक्र लियो हाथा॥
जय पार्वती माता
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सृष्टि रूप तुही है जननी शिवसंग रंगराता।
नन्दी भृंगी बीन लही सारा जग मदमाता॥
जय पार्वती माता
नन्दी भृंगी बीन लही सारा जग मदमाता॥
जय पार्वती माता
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देवन अरज करत हम चित को लाता।
गावत दे दे ताली, मन में रंगराता॥
जय पार्वती माता
गावत दे दे ताली, मन में रंगराता॥
जय पार्वती माता
• · • —– ٠ ॐ ٠ —– • · •
श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता।
सदासुखी नित रहता सुख सम्पत्ति पाता॥
जय पार्वती माता
सदासुखी नित रहता सुख सम्पत्ति पाता॥
जय पार्वती माता