श्री दुर्गा कवच यंत्र
श्री दुर्गा कवच यंत्र
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श्री दुर्गा कवच यंत्र क्या है?
दुर्गा कवच का पाठ करने से व्यक्ति को बहुत राहत मिलती है। जो लोग माता दुर्गा को मानते हैं जो उनकी पसंदीदा देवी हैं उन्हें श्री दुर्गा कवच का पाठ अवश्य करना चाहिए। बता दें कि दुर्गा कवच मार्कंडेय पुराण का एक हिस्सा है। दुर्गा मां हमें बुरी परिस्थितियों से लड़ने का साहस देती हैं। श्री दुर्गा कवच यंत्र की स्थापना करते ही व्यक्ति के चारों ओर की आभा में एक सुरक्षा कवच बन जाता है। इसे भगवती कवच, दुर्गा सप्तशती कवच, दुर्गा रक्षा कवच आदि कई नामों से जाना जाता है।
माँ दुर्गा की कहानी
देवी महात्म्य को दुर्गा सप्तशती के नाम से भी जाना जाता है। देवी भागवत पुराण में वर्णित है कि देवी समस्त ब्रह्मांड की सर्वोच्च शक्ति हैं। देवी दुर्गा बहुत गंभीर और क्रोधी स्वभाव की हैं। इन्हें बुराई पर अच्छाई की जीत माना जाता है। अब आइए जानते हैं देवी दुर्गा के जन्म की पौराणिक कथा। यह वही शक्ति हैं जिन्होंने रक्तबीज, चंडमुंड और महिषासुर का वध किया था।
जब देवता और मानव दोनों ही लोक असुरों के अत्याचार से तंग आ गए तो उन्होंने भगवान ब्रह्मा की शरण ली। सभी देवता ब्रह्मा जी के पास पहुंचे और असुरी शक्ति के अंत की बात करने लगे। ब्रह्मा जी ने समाधान के तौर पर कहा कि इसका नाश केवल एक कुंवारी कन्या ही कर सकती है। इस तरह सभी देवताओं ने मिलकर एक शक्ति का निर्माण किया। इस शक्ति का नाम देवी दुर्गा रखा गया। नवरात्रों में दुर्गा के इन नौ रूपों की पूजा की जाती है।
शक्ति का मुख भगवान शिव के तेज से बना था। भगवान विष्णु के तेज से उनकी भुजाएं निर्मित हुई थीं। इसके बाद ब्रह्मा जी के तेज से माता के दोनों पैर बने थे। यमराज के तेज से माथा और बाल निर्मित हुए थे, चंद्र देव के तेज से स्तन निर्मित हुए थे। वरुण देव के तेज से जांघें, सूर्य देव के तेज से उंगलियां और अग्नि देव के तेज से आंखें निर्मित हुई थीं।
आइये जानते हैं माँ दुर्गा की पूजा विधि:
- शुक्रवार को दुर्गा माता की पूजा के लिए सबसे शुभ दिन माना जाता है।
- इस दिन माता को लौंग, लाल फूल (गुलाब), नारियल, सुपारी आदि अर्पित करना चाहिए।
- सुबह के समय मां दुर्गा की मूर्ति को अपने सामने रखें और देवी के सामने धूप व घी का दीपक जलाएं।
- शुक्रवार को दुर्गा सप्तशती का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है।
- देवी को खीर का भोग लगाना चाहिए।
श्री दुर्गा कवच यंत्र के लाभ:
- दुर्गा कवच व्यक्ति को बुरी शक्तियों से बचाता है।
- व्यक्ति को सभी बीमारियों से बचाता है।
- यह सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बढ़ाने में सहायक है।
- यह हमारे बाह्य और आंतरिक अंगों की रक्षा करता है।
- दुर्गा सप्तशती के कवच का पाठ करने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
श्री दुर्गा कवच यंत्र मंत्र का जाप कैसे करें?
- दुर्गा रक्षा कवच का पाठ करने के लिए शुक्रवार का दिन सबसे अच्छा माना जाता है।
- इसके लिए सुबह स्नान करके दुर्गा मां की मूर्ति रखें और उस पर गंगाजल छिड़कें।
- इसके बाद देवी को फल और लाल रंग के फूल अर्पित करें।
- फिर माता के सामने धूप व घी का दीपक जलाएं।
- इसके बाद मां दुर्गा के बीज मंत्र का 11 बार जाप करें।
6. मंत्र जाप के बाद ध्यान लगाकर भगवती दुर्गा कवच का पाठ करना चाहिए।

