ज्योतिष विज्ञान में नवरत्नों का बहुत महत्व है, प्राचीन काल से इनका हमारे जीवन और हमारे भाग्य से गहरा संबंध माना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इन रत्नों में पृथ्वी की ऊर्जा समाहित होती है और इन पत्थरों के माध्यम से यह ऊर्जा प्रवाहित होती है, इसके संस्करण वाले व्यक्ति को कई लाभ मिलते हैं। ये रत्न एक उपकरण की तरह काम करते हैं।
इन नवरत्नों में से एक रत्न गोमेद है जिसे हेसोनाइट (Hessonite) के नाम से भी जाना जाता है। हीरे जैसे भूरे और छोटे रंग वाले ये रत्न दुनिया अपने खूबसूरत रंग-रूप के लिए भर में प्रशंसित है। गोमेद एक प्रकार का ग्रोस गार्नेट के रूप में मैंगनीज और आयरन की उपस्थिति के कारण इस रत्न का रंग सुंदर है।
गोमेद पत्थर के मुख्य स्रोत श्रीलंका, तजानिया और कनाडा हैं। भारतीय या वैदिक ज्योतिष में, गोमेद पत्थर को उसके महत्वपूर्ण गुणों के कारण सम्मान दिया जाता है और मुख्य रूप से पहना जाता है।
आइए जानें गोमेद रत्न का महत्व क्या है, इस रत्न के फायदों से आपको क्या फायदे-नुक्सान हो सकते हैं और गोमेद के मूल्यों से पहले आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
गोमेद के उदाहरण से क्या लाभ होता है? (गोमेद पहनने से क्या लाभ होता है / गोमेद रत्न के फायदे)
गोमेद रत्न की शक्ति वैदिक ज्योतिष में बहुत अधिक मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि गोमेद रत्न धारण करने से व्यक्तिगत आशावाद भर जाता है। इस रत्न को धारण करने से व्यक्तित्व का एहसास होता है। गोमेद के जहर में नकारात्मकता को दूर रखना भी शामिल है। यदि आप तनाव और परेशानी का सामना कर रहे हैं, तो हेसोनाइट रत्न के फायदे आपको सही समाधान प्रदान कर सकते हैं। गोमेद पत्थर के प्रयोग से आप तनावमुक्त और शांति रह सकते हैं। गोमेद रत्न के अन्य महत्वपूर्ण लाभ इस प्रकार हैं:
- गोमेद रत्न धारण करने वाले की एकाग्रता की प्राप्ति होती है, ध्यान एकाग्रता की मजबूती का विस्तार होता है, साथ ही मानसिक स्पष्टता भी मिलती है। ऐसा माना जाता है कि यह लोगों को भ्रम और अनिर्णय से पुनर्प्राप्ति और समग्र संगठनात्मक संरचना में सुधार करने में मदद करता है।
- यह मानसिक स्पष्टता प्रदान करता है, इसलिए यह उन लोगों की मदद करता है जो यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य से संबंधित समुदाय में शामिल हैं।
- ऐसा कहा जाता है कि गोमेद कहानियों वाले साहस, हथियार और निडरता का जन्म भय, उपचार और आत्म-संदेह पर फिजियोलॉजी में मदद करता है।
- किसी भी व्यक्ति के जीवन में शादी का एक अहम रिश्ता होता है। ज्यादातर समय किसी भी नए व्यक्ति के साथ साम्य बिठाना मुश्किल होता है और गलतफहमियां इसमें आ जाती हैं। गोमेद रत्न इस मामले में सहायता कर सकता है, ये केवल दंपत्ति के बीच की यात्रा नहीं है बल्कि उनके बीच की समानताएं भी आपकी तलाश हैं।
- ऐसा कहा जाता है कि गोमेद रत्न पत्रिकाएं अपनी वित्तीय स्थिति में भी सुधार करती हैं और अपने पेशेवर जीवन में सफलता प्राप्त करने में मदद करती हैं। यह संचार कौशल, उद्यमिता और निर्णय लेने की स्थिति को बरकरार रखता है, यही कारण है कि यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है जो सार्वजनिक भाषण, शिक्षण, लेखन या प्रदर्शन के क्षेत्र में शामिल हैं, काम करते हैं।
- गोमेद रत्न के फायदे में जिनमे-शारीरिक उपचार में कई सहायताएं भी शामिल हैं। कई शारीरिक उपचार गुणों में प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना, पाचन में सुधार और अंतःस्रावी तंत्र (एंडोक्राइन सिस्टम) को कमजोर करना शामिल है।
- इसके अतिरिक्त, यह श्वसन प्रणाली से संबंधित एलर्जी, एलर्जी, और एक्जिमा जैसे त्वचा श्वसन को कम करने में मदद करता है।
- गोमेद रत्न मानसिक स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव डाले गए हैं।
- गोमेद पत्थर को किसी व्यक्ति द्वारा आध्यात्मिक रूप से विकसित करने की क्षमता के लिए भी जाना जाता है। यह आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है और व्यक्ति की सहज समझ को पुनः प्राप्त करता है।
- ज्योतिषियों के अनुसार, यह पत्थर सहस्र (मुकुट) चक्र को सक्रिय करता है और उच्च निजी के साथ घनिष्ठ संबंध स्थापित करता है।
- शैक्षणिक सहायता में, यह रत्न किसी के आंतरिक ज्ञान तक के लिए एकदम सही है, इसलिए ऐसा कहा जाता है कि इस रत्न को धारण करने वाला व्यक्ति अधिक पूर्ण और सार्थक जीवन जीता है।
गोमेद रत्न के नुकसान (Gomed ke nuksan)
हालाँकि नवरत्नों की ऊर्जा और वैयक्तिक उनकी सलाह वाले को कई लाभ प्रदान करते हैं, लेकिन अन्य अनुचित तरीकों से पहने जाने पर इन रत्नों से नकारात्मक प्रभाव भी पड़ सकता है। इसलिए यह आवश्यक है कि आप गोमेद जैसे एक शक्तिशाली रत्न को अपनी कुंडली के अनुसार पूर्ण प्राण प्रतिष्ठा से धारण करें।
जाने गोमेद रत्न से होने वाले नुकसान :- (जाने गोमेद रतन से होने वाले नुक्सान)
- आपके स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है और आप लगातार बीमार रह सकते हैं।
- आपको कई संभावनाओं का सामना करना पड़ सकता है जो आपके बस में नहीं हैं।
- किसी भी दुर्घटना में आपको चोट लगने की संभावना है।
- आपकी प्रतिष्ठा पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
- गोमेद रत्न के नकारात्मक प्रभाव से आपकी आर्थिक स्थिति समाप्त होने की संभावना है।
गोमेद रत्न किससे धारण करना चाहिए? (गोमेद किसे पहचानना चाहिए)
इस रत्न पर राहु ग्रह का आधिपत्य होता है और इसलिए इन लोगों को ताकतवर बनाया जाता है, जन्म कुंडली में राहु दोष होता है। वैदिक ज्योतिष में राहु को एक अशुभ और दुष्ट ग्रह माना जाता है। राहु का प्रकोप आपके कुंडली में होने से आपकी जिंदगी में संकट आता है और आपको बहुत सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसलिए जो लोग राहु के प्रभाव के कारण परेशानी का सामना करते हैं, उन्हें बार-बार हेसोनाइट पत्थर या गोमेद की सलाह दी जा सकती है।
साथ ही, वैदिक ज्योतिष के अनुसार गोमेद रत्न उन लोगों के लिए है जो आधिकारिक तौर पर रत्न की राशि कुंभ है। मिथुन राशि, तुला और वृषभ राशि वाले लोगों को भी गोमेद रत्न की सलाह दी जाती है। लेकिन गोमेद जैसे एक शक्तिशाली रत्न को धारण करने से पहले हमारी सलाह आपके लिए यही होगी कि आप एक अच्छे पंडित से अपना कुंडल पढ़ें और सुनिश्चित करें कि यह रत्न आपके लिए उपयुक्त और उपयुक्त है।
इन शेयरों के अलावा अन्य लोग भी इस रत्न को धारण कर सकते हैं लेकिन उन्हें किसी अन्य रत्न के साथ जोड़ा जाएगा ताकि इसका कोई फायदा न हो।
गोमेद रत्न का सेवन नहीं करना चाहिए? (गोमेद किसे नहीं पहचानना चाहिए)
मेष, कर्क, सिंह, वृश्चिक, धनु, मकर और मीन राशि के उपलक्ष में जन्म लेने वाले लोग गोमेद पत्थर पालन नहीं करना चाहिए। इन जातकों के लिए इस रत्न को अशुभ बताया गया है।
गोमेद रत्न को मूंगा रत्न के साथ नहीं रखना चाहिए, ऐसा करने से इन रत्नों का नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
गोमेद रत्न कब और कैसे धारण करना चाहिए? (गोमेद कब या केसे पहचान चाहिए)
गोमेद रत्न को धारण करने के तरीके के बारे में ज्ञान प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।
गोमेद रत्न पंक्तियों का सबसे अच्छा दिन कौन सा है? ( गोमेद पत्थर पहचानने का सब सबसे अच्छा दिन कौन सा होता है)
गोमेद रत्न की व्याख्या शनिवार का सबसे अच्छा दिन है। यदि शनिवार कृष्ण पक्ष का हो तो ओर भी अच्छा। इस रत्न को सुबह सूर्योदय के समय धारण करे, करीब 04:00 पूर्वाह्न से 07:00 पूर्वाह्न के बीच।
गोमेद रत्न कौन सी उंगली में पहना जाता है? (गोमेद कोंसी उंगली में पहचान जाता है)
गोमेद रत्न को आप रिंग, ब्रेसलेट या पेंडेंट के रूप में पहन सकते हैं। हालाँकि लोग अक्सर इस अद्भुत रत्न को अंगूठी के रूप में पसंद करते हैं। गोमेद रत्न की अंगूठी आपके दाहिने हाथ की मध्यमा उंगली में है।
गोमेद रत्न को किस धातु में धारण करना चाहिए? (गोमेद रतन किस धातु में पहचान चाहिए)
गोमेद रत्न को चांदी, अष्टधातु या पंचधातु में धारण करना सबसे शुभ माना जाता है। गोमेद कितनी रत्ती का धारण करना चाहिए? (गोमेद रतन कितने रत्ती धरण करे)
ज्योतिषियों के अनुसार कम से कम 7 रत्ती का गोमेद रत्न धारण करना सही है, 9 से 12 रत्ती का गोमेद सबसे शुभ माना गया है। हालाँकि आपको अपने ज्योतिष से प्रश्नकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आपके लिए रत्ती का गोमेद सबसे अच्छा रहेगा।