॥ श्री सीताराम आरती ॥
आसपास साखियाँ सुख दैणी,साजी नव साज सिंगार सुनैनी,
बिन सितार के लिए पिकबैनी, गाइ सुराग सुनाओ॥
गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ।
अनुपम छबि धरि धनपति राजत,नील पीत पट भूषण भ्राजत,
निरखत अग्नित रति छबि लाजत, नैनन को फल पाओ॥
गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ।
नीरज नैन चपल चितवनमें,रुचिर अरुणिमा सुचि पालनमें,
चन्द्रबदन की मधु मुस्कानेनिंज नयनां अरुझाओ॥
गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ।
कंचन था सांवरी मनोहर, घृत कपूर सुभ बाति ज्योतिकर,
मूरल चँवर के लिए रामेश्वरहर्षि सुमन बाराओ॥
गाओ गाओ री, प्रियाप्रीतम की आरती गाओ।