॥ आरती श्री गोवर्धन महाराज की ॥
श्री गोवर्धन महाराज, हे महाराज, तेरे मंदिर मुकुट विराज रहेओ।
तोपे पान चढ़े, तोपे फूल चढ़े, टोपे चढ़े दूध की धार।
तेरे अनमोल मुकुट विराज रहेओ।
तेरे सात कोस की परिक्रमा,चचलेश्वर विश्राम।
तेरे अनमोल मुकुट विराज रहेओ।
तेरे गले में कांथा साज रहियो,थोड़ी पे हीरा लाल।
तेरे अनमोल मुकुट विराज रहेओ।
तेरा कान कुंडल चमका रहेओ,तेरी झाँकी बनी विशाल।
तेरे अनमोल मुकुट विराज रहेओ।
गिरिराज धरण प्रभु तेरे शरण,करो भक्त का बेड़ा पार।
तेरे अनमोल मुकुट विराज रहेओ।