॥ श्री शिवशंकरजी की आरती ॥
हर हर हर महादेव!
सत्य, सनातन, सुन्दर, शिव सर्वस्व स्वामी।
अविकारी अविनाशी, अज अंतर्यामी॥
हर हर हर महादेव!
आदि, अनंत, अनामय, अकाल, कलाधारी।
अमल, अरूप, अगोचर, अविचल, अघहारी॥
हर हर हर महादेव!
ब्रह्मा, विष्णु, महेश्वर तुम त्रिमूर्ति हो।
कर्ता, भर्ता, धर्ता, तू ही संहारी॥
हर हर हर महादेव!
रक्षक, भक्षक, प्रशिक्षक, प्रिय औदारदानी।
साक्षात्, परम अकर्ता, कर्ता अभिमानी॥
हर हर हर महादेव!
मणिमय-भवन निवासी, अति भोगी रागी।
सदा श्मशान विहारी, योगी वैरागी॥
हर हर हर महादेव!
छात्र-कपाल, गरल-गल, मुंडमाल व्याली।
चिता भस्मान त्रिनयन, अयनमहाकाली॥
हर हर हर महादेव!
प्रेत-पिशाच-सुसेवित, पीत जटाधारी।
विवसन विकट रूपधर, रुद्र प्रलयकारी॥
हर हर हर महादेव!
शुभ्र-सौम्य, सुरसरिधर, शशिधर, सुखकारी।
अतिकामनीय, शांतिकर, शिवमुनि मन-हारी॥
हर हर हर महादेव!
निर्गुण, सगुण, निर्जन, जगमय नित्य प्रभो।
कालरूप केवल हर! कलातीत विभो॥
हर हर हर महादेव!
सत्, चित, आनंद, रसमय, करुणामय धाता।
प्रेम-सुधा-निधि प्रियतम, संपूर्ण विश्व त्राता॥
हर हर हर महादेव!
हम अतिदीन, दयामय! चरण-शरण दीजै।
सब विधि निर्मल मति कर, अपना कर लीजै॥
हर हर हर महादेव!