एक मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान, पहनने की विधि, कौन पहन सकता है, कौन नहीं

एक मुखी रुद्राक्ष के फायदे और नुकसान, पहनने की विधि, कौन पहन सकता है, कौन नहीं

रुद्राक्ष की विशेषता हमारे हिन्दू धर्मग्रंथों में, हमारी सांस्कृतिक परंपरा में और हिन्दू धर्म के मूल में निहित है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, रुद्राक्ष भगवान शिव के आंसुओं से उत्पन्न हुए हैं। जब महादेव के नेत्र से आंसू गिरे, तो उन्होंने पृथ्वी पर रुद्राक्ष के रूप में आकार लिया। इसीलिए हिन्दू धर्म में रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है।

रुद्राक्ष की शक्तियों को महादेव के दिव्य स्वरूप के समान माना जाता है, इसलिए यह कहा जाता है कि जो कोई भी इसे धारण करता है, उसे सदैव लाभ मिलता है और उस पर शिव का आशीर्वाद सदा बना रहता है।

पृथ्वी पर विभिन्न प्रकार के रुद्राक्ष पाए जाते हैं, जिनमें मुख्यतः एक मुखी से लेकर २५ मुखी तक के रुद्राक्ष शामिल हैं।

क्यों पहने एक मुखी रुद्राक्ष? 

एक मुखी रुद्राक्ष की मान्यता है की इसके सिर्फ दर्शन करने से ही इंसान का कल्याण होता है। यह आपके पापों को नष्ट कर देता है और आपको हानि से दूर रखता है।

पूर्णकथाओ के अनुसार एक मुखी रुद्राक्ष (Ek Mukhi Rudraksha) को सावन में पहन ने से धन की प्राप्ति होती है। जिस घर में एक मुखी रुद्राक्ष की पूजा की जाती है वहां लक्ष्मी मैया का वास होता है।

इतना ही नहीं, एक मुखी रुद्राक्ष को सर्वश्रेस्ठ रुद्राक्ष माना जाता है और पूर्वजो का कहना है की ये रुद्राक्ष इंसान को मोक्ष दिला सकता है।

यदि पूर्ण पूजा प्रतिस्ठा और भक्ति की भावना के साथ एक मुखी रुद्राक्ष को गले में धारण किया जाये तो इस रुद्राक्ष की शक्ति पहनने वाले की मनवांछित इच्छा पूरी करेगी।

इसके अलावा भी एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के कई फायदे है, जिनका उल्लेख हमने निचे किया है।

एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के फायदे

एक मुखी रुद्राक्ष भगवान शिव की अनुपम शक्तियों का संगम है, जिसके कारण यह कहा जाता है कि यह जन्म कुंडली में मौजूद किसी भी ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसकी असीम शक्तियां निम्नलिखित लाभ प्रदान कर सकती हैं:

  • रुद्राक्ष आपके मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाएगा; यह नकारात्मक विचारों, प्रभावों, दबावों, आघात और अवसाद को कम करेगा और आपकी सुरक्षा करेगा। यह बुरी आत्माओं, काले जादू, बुरे सपनों आदि को भी दूर रखेगा और आपके मन को शांति प्रदान करेगा।
  • एक मुखी रुद्राक्ष आपके लक्ष्यों की प्राप्ति में सहायक होगा; यह आपके आत्मविश्वास को बढ़ाएगा, आपके मार्ग में आने वाली बाधाओं को दूर करेगा और लक्ष्य प्राप्ति में मदद करेगा।
  • यह आपके कर्म ऋण या पापों को मिटाने में भी सहायता करेगा, जिससे आपके अपराधबोध में कमी आएगी और पिछले कर्म जो आपको प्रभावित कर रहे थे, उनका प्रभाव कम होगा।
  • रुद्राक्ष हमारी मानसिक क्षमताओं और अंतर्ज्ञान को भी सुधारता है और हमें सजग रखता है।
  • सबसे महत्वपूर्ण, एक मुखी रुद्राक्ष धारण करने से आपको आध्यात्मिक जागृति का लाभ होगा। यह आपको आपके स्वयं से जोड़ेगा और आपकी आंतरिक चेतना को प्रकाशमान करेगा।
  • यह आपको अपने परिवेश में अधिक सजग बनाएगा, सही और गलत के प्रति अधिक जागरूक करेगा और आपके और आपके परिवार के लिए सही निर्णय लेने में मदद करेगा।
  • एक मुखी रुद्राक्ष की शक्ति इतनी अधिक है कि यह शारीरिक रूप से भी चिकित्सा प्रदान कर सकता है, और इसे अक्सर उन लोगों के लिए सुझाया जाता है जो निरंतर बीमार रहते हैं।
  • यह कई बीमारियों से बचाव करेगा और आपको स्वस्थ रखेगा, विशेष रूप से माइग्रेन या तनाव और चिंता से जुड़े सिरदर्द में आराम प्रदान करेगा।
  • इसके अलावा, यह मानसिक या न्यूरोटिक विकारों को ठीक कर सकता है, आपकी दृष्टि को सुधार सकता है, रक्तचाप को नियंत्रित कर सकता है, और हृदय संबंधी समस्याओं से रक्षा कर सकता है।

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एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियम

एक मुखी रुद्राक्ष पहनने के नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है क्योंकि यह न सिर्फ एक धार्मिक प्रतीक है बल्कि ईश्वर और भक्त के बीच के संबंध को भी दर्शाता है। इसे धारण करते समय शुद्ध भावनाओं और भक्ति के साथ पहनना चाहिए।

रुद्राक्ष धारण करते समय निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए:

  • मांसाहारी भोजन खाने से बचें जब आप रुद्राक्ष पहने हों। नॉनवेज खाने के बाद भी इसे न पहनें।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन न करें जब आपने रुद्राक्ष पहना हो।
  • अंतिम संस्कार में जाते समय रुद्राक्ष न पहनें।
  • सोते समय रुद्राक्ष न पहनें। सोने से पहले इसे उतार कर पूजा घर में रख दें और स्नान व पूजा के बाद अगले दिन फिर से पहन लें। स्नान करते समय भी इसे पहने नहीं रहना चाहिए।
  • क्षतिग्रस्त या टूटे हुए रुद्राक्ष को न पहनें।
  • संभोग से पहले रुद्राक्ष उतार दें।
  • अपने रुद्राक्ष को किसी और को न दें।
  • टॉयलेट जाने से पहले भी रुद्राक्ष को उतार दें।
  • रुद्राक्ष को छिपाकर पहनें, यह दिखावे के लिए नहीं बल्कि भक्ति के लिए पहना जाना चाहिए।

एक मुखी रुद्राक्ष किसे पहनना चाहिए?

एक मुखी रुद्राक्ष मेष, सिंह और धनु राशि वालों के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है और सूर्य कमजोर होने पर भी इसे धारण करना लाभकारी होता है। हालांकि, रुद्राक्ष शिव का प्रतीक है और इसलिए किसी के लिए भी नकारात्मक नहीं हो सकता। फिर भी, इसे धारण करने से पहले पंडित से सलाह लेना और जन्म कुंडली के अनुसार इसे पहनना चाहिए। बच्चों को इसे पहनाने से बचें क्योंकि इसकी शक्ति अपार होती है।

1 मुखी रुद्राक्ष कैसे पहने?

एक मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने हेतु आपको उसकी पूजा करा लेनी चाहिए। आप स्वयं भी रुद्राक्ष की पूजा कर सकते है।

एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने के लिए सबसे शुभ दिन महाशिवरात्रि का है परन्तु आप इसे किसी भी सोमवार के दिन भी धारण कर सकते है।

अगर हो सके तो रुद्राक्ष को सावन या श्रवणमास में पहने, यह पावन महीना शिवजी का महीना है। कहा जाता है की सावन मास शिव जी को बहुत प्रिय है और जो भी सावन में शिव जी की सेवा करता है, उनकी पूजा करता है उसे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

एक मुखी रुद्राक्ष को धारण करने हेतु सुबह सूरज उगते ही नाह कर इसे गंगाजल से पवित्र करे। फिर इसे कच्चे दूध में धोके पुनः गंगाजल से धोये और नए साफ़ कपड़े से साफ़ करले। साथ ही ॐ नमः शिवाय का जाप करते रहे।

रुद्राक्ष की पूजा करने हेतु उसे चन्दन लगाए, उसपर पुष्प चढ़ाये और धुप बत्ती लगाए। फिर एक मुखी रुद्राक्ष के बीज मंत्र का 108 बार जाप करें।

एक मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र है - " ॐ ह्रीं नमः " ।

जब आप इस मंत्र को आखिरी बार बोल रहे हो तब रुद्राक्ष को धारण करलें।

इस रुद्राक्ष की ऊर्जा को बरकरार रखने के लिए आपको प्रतिदिन रुद्राक्ष की पूजा करनी चाहिए। नहीं तो कम से कम नाह कर भगवान शिव को पूरी भक्ति के साथ याद कर "ओम नमः शिवाय" मंत्र का जाप करना चाहिए।

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