🌿 तुलसी माता की आरती (Tulsi Mata Ki Aarti) – संपूर्ण जानकारी, लाभ और मंत्र
तुलसी माता का पूजन हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। लगभग हर भक्त अपने घर में तुलसी का पौधा लगाकर उसकी नियमित पूजा करता है। तुलसी माता की आरती (Tulsi Mata Ki Aarti) करने से घर में शुभता और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
🌼 तुलसी आरती (Tulsi Aarti) क्यों करें?
तुलसी आरती (Tulsi Aarti) का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व अत्यधिक है। माना जाता है कि तुलसी माता, देवी लक्ष्मी का ही स्वरूप हैं और भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं। प्रतिदिन तुलसी की आरती (Tulsi Ki Aarti) करने से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि बनी रहती है।
🛕 तुलसी माता की आरती (Tulsi Mata Ki Aarti) का धार्मिक महत्व
तुलसी माता की आरती (Tulsi Mata Ki Aarti) करना एक धार्मिक क्रिया है जिसे भक्तजन श्रद्धा भाव से सुबह या शाम को करते हैं। दीप जलाकर, धूप दिखाकर और आरती गाकर तुलसी माता की पूजा की जाती है। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है और सभी नकारात्मक शक्तियाँ दूर रहती हैं।
📜 तुलसी माता की आरती (Tulsi Mata Ki Aarti) – हिंदी में आरती पाठ
जय जय तुलसी माता, सबकी सुखदाता वर माता।
सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर,
रुज से रक्षा करके भव त्राता।
जय जय तुलसी माता।
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बहु पुत्री है श्यामा, सूर वल्ली है ग्राम्या,
विष्णु प्रिय जो तुमको सेवे, सो नर तर जाता।
जय जय तुलसी माता।
• · • —– ٠ ॐ ٠ —– • · •
हरि के शीश विराजत त्रिभुवन से हो वंदित,
पतित जनों की तारिणि, तुम हो विख्याता।
जय जय तुलसी माता।
• · • —– ٠ ॐ ٠ —– • · •
लेकर जन्म बिजन में आई दिव्य भवन में,
मानव लोक तुम्हीं से सुख सम्पत्ति पाता।
जय जय तुलसी माता।
• · • —– ٠ ॐ ٠ —– • · •
हरि को तुम अति प्यारी श्याम वर्ण सुकुमारी,
प्रेम अजब है श्री हरि का तुम से नाता।
जय जय तुलसी माता।
• · • —– ٠ ॐ ٠ —– • · •
यह तुलसी आरती (Tulsi Aarti) बहुत ही प्रभावशाली और सुख-शांति देने वाली मानी जाती है। भक्त इसे नित्य गाते हैं और तुलसी माता से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
📅 तुलसी आरती (Tulsi Aarti) कब और कैसे करें?
प्रति दिन: तुलसी की पूजा आप रोज़ सुबह सूर्योदय के बाद और शाम को सूर्यास्त के समय कर सकते हैं।
विशेष पर्व: कार्तिक मास, एकादशी, और तुलसी विवाह जैसे अवसरों पर तुलसी की आरती (Tulsi Ki Aarti) का विशेष महत्व होता है।
पूजा विधि:
- तुलसी पौधे को साफ जल से धोकर तैयार करें।
- दीपक में घी या तिल का तेल भरें और जलाएं।
- अगरबत्ती या धूप दिखाएं।
- चंदन, पुष्प, रोली, अक्षत आदि अर्पित करें।
- अंत में तुलसी माता की आरती (Tulsi Mata Ki Aarti) करें।
🌟 तुलसी की आरती (Tulsi Ki Aarti) करने के लाभ
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार: घर में तुलसी की नियमित आरती करने से पॉजिटिव वाइब्स बनी रहती हैं।
- पारिवारिक सुख-शांति: तुलसी माता की कृपा से घर के सदस्यों के बीच प्रेम और समर्पण बढ़ता है।
- स्वास्थ्य लाभ: तुलसी के औषधीय गुणों से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है।
- वास्तु दोष निवारण: तुलसी के पौधे और उसकी पूजा से वास्तु दोषों का निवारण होता है।
- आध्यात्मिक उन्नति: तुलसी आरती (Tulsi Aarti) करने से भक्ति भाव में वृद्धि होती है और आत्मा को शांति मिलती है।
🌼 तुलसी विवाह का विशेष महत्व
तुलसी विवाह कार्तिक मास की देवउठनी एकादशी को मनाया जाता है। इस दिन तुलसी माता का विवाह भगवान विष्णु के अवतार शालिग्राम से करवाया जाता है। इस अवसर पर घरों में भव्य पूजा और विशेष तुलसी की आरती (Tulsi Ki Aarti) की जाती है। तुलसी विवाह करने से कन्यादान के समान पुण्य प्राप्त होता है।
💡 तुलसी पूजा से जुड़े कुछ विशेष नियम
- तुलसी माता को कभी भी बिना स्नान किए न छुएं।
- तुलसी के पत्ते रविवार, अमावस्या, और एकादशी को नहीं तोड़े जाते।
- पूजा के लिए पत्ते सुबह के समय तोड़ें और “श्री तुलस्यै नमः” मंत्र बोलें।
- तुलसी पर कभी भी जूठा जल या कोई अपवित्र वस्तु न चढ़ाएं।
🔔 निष्कर्ष: क्यों करें तुलसी माता की आरती (Tulsi Mata Ki Aarti)?
तुलसी माता की आरती (Tulsi Mata Ki Aarti) करना सिर्फ धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि एक आत्मिक साधना है। यह साधना न केवल हमारे जीवन में सुख और समृद्धि लाती है, बल्कि आत्मा को भी शुद्ध करती है। यदि आप चाहते हैं कि आपके घर में धन, धान्य, स्वास्थ्य और शांति बनी रहे, तो प्रतिदिन तुलसी माता की पूजा और तुलसी की आरती (Tulsi Ki Aarti) करना आरंभ करें।