14 मुखी रुद्राक्ष
14 मुखी रुद्राक्ष
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प्रामाणिकता के प्रमाण पत्र के साथ इंडोनेशिया मूल का प्राकृतिक 14 मुखी (चौदह मुखी) रुद्राक्ष। यह मूल रुद्राक्ष सर्वोत्तम परिणामों के लिए सक्रिय और सक्रिय है।
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उत्पाद की जानकारी
चेहरा | 14 चेहरा |
आकार/वजन | 3 ग्राम से 5 ग्राम (लगभग) |
मूल | नेपाल |
प्रमाणीकरण | सरकारी अनुमोदित प्रयोगशाला |
पूजा/ऊर्जावर्धन | बेसिक एनर्जाइजेशन (निःशुल्क) |
डिलीवरी का समय | लगभग 3-7 दिन (पूरे भारत में) |
व्हाट्सएप पर ऑर्डर करें | +918791431847 |
14 मुखी रुद्राक्ष क्या है?
14 मुखी रुद्राक्ष नियमित रूप से पहनने वाले व्यक्ति को शक्ति और उत्साह प्रदान करता है। भगवान हनुमान 14 मुखी रुद्राक्ष के स्वामी हैं। कहा जाता है कि 14 मुखी रुद्राक्ष उन मामलों में चमत्कारिक रूप से काम करता है जहां कोई व्यक्ति संतान पैदा करने में असमर्थ है।
ऐसे मामलों में पति और पत्नी दोनों को इसे पहनना चाहिए। 14 मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले को जीवन के सभी क्षेत्रों में चौदह प्रकार की बुद्धि और प्रभाव प्रदान करता है। 14 मुखी रुद्राक्ष छठे घर को भी तेज करता है। 14 मुखी रुद्राक्ष सबसे कीमती दिव्य रत्न है - देव मणि।
14 मुखी रुद्राक्ष छठी इंद्री को जागृत करता है जिसके द्वारा पहनने वाले को भविष्य में होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास हो जाता है। इसे पहनने वाला अपने निर्णयों में कभी असफल नहीं होता। 14 मुखी रुद्राक्ष पहनने से सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
चौदह मुखी रुद्राक्ष बुरी आत्माओं और काले जादू से रक्षा करता है। 14 मुखी रुद्राक्ष पहनने वाले को सुरक्षा, धन और आत्म शक्ति प्रदान करता है। 14 मुखी रुद्राक्ष शनि के कष्टों के लिए एक बहुत शक्तिशाली उपाय है और कई बीमारियों के लिए चमत्कारी इलाज प्रदान करता है।
दैनिक जीवन का तनाव कम करना
14 मुखी रुद्राक्ष को छाती, माथे या दाहिने हाथ पर पहनने की सलाह दी जाती है। 14 मुखी रुद्राक्ष दैनिक जीवन के तनाव और शनि ग्रह के दुष्प्रभावों को कम करने में बहुत मददगार साबित हो सकता है।
14 मुखी रुद्राक्ष की सतह पर चौदह प्राकृतिक रेखाएँ (मुख) होती हैं। इस रुद्राक्ष को एक दिव्य रत्न (देव मणि) के रूप में भी जाना जाता है। माना जाता है कि यह रुद्राक्ष सीधे भगवान शिव की आँखों से आया है, जो स्वयं इसे धारण करते हैं। यह रुद्राक्ष माथे पर, दोनों भौंहों के बीच स्थित आज्ञा चक्र को सक्रिय करता है, जिससे पहनने वाले को भविष्य की कल्पना करने और सही निर्णय लेने में सक्षम होने की क्षमता मिलती है।
यह रुद्राक्ष भगवान शिव की तीसरी आँख का भी प्रतिनिधित्व करता है और इसलिए इसे पहनने वाला सभी प्रकार की नकारात्मकता, नकारात्मक ऊर्जा और शत्रुओं से सुरक्षित रहता है। इस रुद्राक्ष को पहनने वाला भगवान शिव का प्रिय बन जाता है और उसे शिव और शक्ति दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
न केवल उसका वर्तमान बेहतर होता है बल्कि उसका भविष्य भी उज्ज्वल होता है। यह रुद्राक्ष तुरंत अपना परिणाम देना शुरू कर देता है और इसलिए इसका नाम देव मणि है। यह रुद्राक्ष शनि ग्रह के नकारात्मक प्रभावों को ठीक करता है और इसलिए इसे उन लोगों द्वारा पहना जाना चाहिए जिनका शनि ग्रह या तो पुरुष है या व्यक्ति शनि की साढ़ेसाती या लघु पंचोती जैसे कष्टों से गुजर रहा है।
14 मुखी रुद्राक्ष का महत्व – 14 मुखी रुद्राक्ष के फायदे
- चौदह मुखी रुद्राक्ष मंगल दोष के निवारण और साढ़ेसाती के प्रभाव को दूर करने के लिए पहना जाता है।
- इस रुद्राक्ष के प्रभाव से व्यक्ति की निर्णय लेने की क्षमता में सुधार होता है और वह साहसी बनता है।
- यह जीवन में आने वाली बाधाओं से लड़ने में मदद करता है और सबसे कठिन परिस्थितियों में विजयी होने में मदद करता है।
- यह आपको शक्ति और अधिकार की स्थिति प्राप्त करने और एक मजबूत छठी इंद्री विकसित करने में मदद कर सकता है, लेकिन इसके लिए अत्यधिक देखभाल और ध्यान की आवश्यकता होती है।
- यह वास्तव में आपकी इतनी मदद कर सकता है जितना आप कभी सोच भी नहीं सकते। इससे भगवान शनि प्रसन्न होते हैं।
- शनि साढ़े साती या शनि महादशा के दुष्प्रभाव को कम करने में बहुत सहायक - जिन लोगों पर शनि साढ़े साती है
- जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती चल रही हो उन्हें इसे पहनना चाहिए क्योंकि इससे शनि के दुष्प्रभाव कम हो जाते हैं।
- यह मांगलिक दोष को समाप्त करता है - जिन लोगों की कुंडली में मांगलिक दोष है या मंगल के अशुभ प्रभाव के कारण उनके वैवाहिक जीवन में अशांति है, उन्हें 14 मुखी रुद्राक्ष अवश्य पहनना चाहिए और ग्रह को प्रसन्न करना चाहिए।
- यह ध्यान करते समय एकाग्रता विकसित करने में भी सहायक है।
- चौदह मुखी रुद्राक्ष में आज्ञा चक्र को मजबूत करके अंतर्ज्ञान की शक्ति होती है और यह पहनने वाले के छठे घर का प्रतिनिधित्व करता है।
- ऐसा कहा जाता है कि यह रुद्राक्ष भविष्य में होने वाली घटनाओं को सहज रूप से समझने की शक्ति प्रदान करता है, जिससे पहनने वाला सही दिशा में निर्णय लेने में सक्षम होता है।
- चौदह मुखी रुद्राक्ष अपने धारक को बुराई और काले जादू से बचाता है।
- इस रुद्राक्ष पर शनि ग्रह का आधिपत्य है। इसलिए, यदि कुंडली में शनि ग्रह अशुभ हो या व्यक्ति शनि की साढ़ेसाती से ग्रस्त हो तो यह रुद्राक्ष बहुत लाभकारी होता है।
- व्यवसायी, राजनेता, वरिष्ठ प्रबंधक इस रुद्राक्ष को पहनकर बहुत लाभ प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि यह उनकी छठी इंद्री और दूरदर्शिता में सुधार करके उनके निर्णय को तेज करता है।
चौदह मुखी रुद्राक्ष के स्वास्थ्य लाभ
- 14 मुखी गठिया और मोटापे से संबंधित समस्याओं को दूर करने में मदद करता है।
- भय व सदमा दूर होता है तथा तंत्रिकाओं से संबंधित विकार भी ठीक होते हैं।
- 14 मुखी रुद्राक्ष बवासीर से राहत दिलाता है।
- चौदह मुखी रुद्राक्ष मिर्गी, मंदबुद्धि, पक्षाघात, पेट दर्द, कमजोरी, नपुंसकता, गर्भपात, शुक्राणुओं की शुद्धि, ओजस (दिव्य ऊर्जा) के प्रवाह जैसे रोगों को ठीक करने में मदद करता है।
14 मुखी रत्न किसे धारण करना चाहिए?
14 मुखी रुद्राक्ष उन लोगों को पहनना चाहिए जो व्यापार, राजनीति, प्रशासन जैसे क्षेत्रों में हैं क्योंकि यह न केवल उनकी अंतर्ज्ञान शक्ति को बढ़ाता है बल्कि उन्हें सही निर्णय लेने में भी मदद करता है जो उपरोक्त क्षेत्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती या छोटी पंचधातु चल रही हो उन्हें भी यह रुद्राक्ष पहनना चाहिए।
चौदह मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह
चौदह मुखी रुद्राक्ष का स्वामी ग्रह शनि है। इसलिए, यह रुद्राक्ष शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत करने में बहुत सहायक है। कोई भी व्यक्ति जो शनि की बड़ी या छोटी पीड़ा का सामना कर रहा है, जिसे क्रमशः सती सती या छोटी पनोती के रूप में जाना जाता है, उसे यह रुद्राक्ष पहनना चाहिए।
यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह पीड़ित, वक्री या वक्री हो तो ऐसी स्थिति में भी यह रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।
14 मुखी रुद्राक्ष धारण करने की विधि
मंगलवार की सुबह स्नान करके घर के पूजा स्थल पर बैठें। एक तांबे की थाली लें और उस पर 9 पीपल के पत्ते रखें। अब चौदह मुखी रुद्राक्ष को गंगा जल से साफ करके थाली में रखें और उस पर चंदन का तिलक लगाएं। इसके बाद फूल चढ़ाएं और घी का दीपक जलाएं।
अब ॐ नमः, ॐ नमः शिवाय का 108 बार जाप करें और फिर 14 मुखी रुद्राक्ष को लाल रेशमी धागे या सोने या चांदी की चेन में धारण करें। आप इसे कंगन में भी पहन सकते हैं।
चौदह मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है?
14 मुखी रुद्राक्ष (14 मुखी रुद्राक्ष की कीमत) की कीमत उत्पत्ति और आकार पर निर्भर करती है। नेपाल से प्राप्त 1 मुखी रुद्राक्ष बहुत दुर्लभ है और प्रकृति में पाया जाता है। दक्षिण भारत से पवित्र मालाएँ उपलब्ध हैं।
हमें क्यों चुनें
हमारे द्वारा भेजा गया 14 मुखी रुद्राक्ष (चौदह मुखी रुद्राक्ष) प्रमाणित है और अनुभवी आचार्यों और पंडित जी द्वारा अनुशंसित होने के बाद ही आपको भेजा जाएगा ताकि आपको तुरंत और पूर्ण लाभ मिल सके
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🔱 How to Wear Rudraksha
Rudraksha beads are sacred and should be worn with respect and purity. Before wearing, they must be energized through proper rituals or mantra chanting—usually 'Om Namah Shivaya' or the specific bead’s mantra.
The most auspicious day to wear Rudraksha is Monday, especially during Brahma Muhurat. It should be worn on a clean body, preferably in a silk, wool, or silver/gold thread or chain. Wear it close to the skin—on the neck, arm, or wrist—so its vibrations can directly benefit your mind, body, and soul. Avoid wearing it during sleep, intimate moments, or while visiting inauspicious places.
🔱 How to Take Care of Rudraksha
Rudraksha beads require proper care to retain their spiritual energy and physical longevity. Clean them regularly with lukewarm water and gently oil them with natural oils like mustard or sandalwood oil to prevent drying or cracking. Always store them in a clean, dry place—ideally with other sacred items. Avoid contact with soap, perfume, or chemicals, and remove them before bathing, sleeping, or engaging in intimate activities. Treat your Rudraksha with devotion and respect, as it is not just a bead but a divine spiritual companion.
🔱 How to Identify Original Rudraksha
Identifying an original Rudraksha is essential to receive its true spiritual benefits. A genuine bead has well-defined natural lines (mukhis) running from top to bottom without any cracks or artificial joins. It usually sinks in water, though this is not always a foolproof test. The X-ray method is the most reliable way to verify the internal seed compartments. Real Rudraksha beads feel firm, are not unnaturally polished, and emit a cooling energy when held. Always buy from trusted sources to ensure authenticity.
🔱 Rudraksha Rules to Follow
To honor the spiritual power of Rudraksha, certain rules should be followed. Always wear it with a clean body and a pure heart. Avoid alcohol, non-vegetarian food, and visiting inauspicious places while wearing it. Remove the bead during sleep, intimate moments, and while bathing—especially with soap or chemicals. Never share your Rudraksha with others, as it carries your personal energy. Regularly chant Lord Shiva’s mantra and treat the bead with devotion to maintain its sacred vibrations.