Colorful idol of goddess during Shukrawar Ki Aarti with floral decorations and vibrant background

शुक्रवार की आरती | शुक्रवार की आरती

॥ आरती श्री संतोषी माँ ॥

जय संतोषी माता, मैया जय संतोषी माता।
अपने सेवक जन को,सुख संग्राहक दाता॥

जय सन्तोषी माता॥

सुन्दर चिर सुनहरीमाँ धारण कीन्हों।
हीरा पाना दमके,तन सहारा कीन्हों॥

जय सन्तोषी माता॥

गेरू लाल छटा छवि, बदन कमल सोहे।
मन्द हंसत करुणामयी,त्रिभुवन मन मोहे॥

जय सन्तोषी माता॥

गोल्डन सिंहासन टेलीकॉम, चंवर ढुरेन प्रिये।
धूप दीप मधुमेवा, भोग धरें न्यारे॥

जय सन्तोषी माता॥

गुड़ अरु चना परमप्रिय,तामे संतोष कियो।
सन्तोषी कहलाई,भक्तन वैभव दियो॥

जय सन्तोषी माता॥

शुक्रवार प्रिय मनत,आज दिन सोही।
भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोहि॥

जय सन्तोषी माता॥

मंदिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई।
विन करें हम बालक,चरणन सिर नई॥

जय सन्तोषी माता॥

भक्ति भावमय पूजा,अंगीकृत कीजै।
जो मन बसै हमारी,इच्छा फल दीजै॥

जय सन्तोषी माता॥

दुखी दारिद्रि, रोग,संकट मुक्त कीक्स।
बहु धन-धान्य एकांत घर,सुख सौभाग्य मांगता है॥

जय सन्तोषी माता॥

ध्यान धरयो जिस जन ने,मनवांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर, आनंद घर आयो॥

जय सन्तोषी माता॥

शरण गहे की लज्जा, रखियो जगदम्बे।
संकट तू ही निवारे,दयामयी अम्बे॥

जय सन्तोषी माता॥

संतोषी माता की आरती, जो कोई जन गावे।
ऋद्धि-सिद्धि, सुख-सम्पत्ति, साधनजी पावे॥

जय सन्तोषी माता॥
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