॥ श्री जानकीनाथ आरती ॥
जय जानकीनाथ,जय श्रीरघुनाथ।
दोउ कर जोरें बिनवौं,प्रभु! सुनिये बाता॥
जय जानकीनाथ, जय श्रीरघुनाथ॥
तुम रघुनाथ हमारेप्राण, पिता माता।
तुम ही सज्जन-संगीभक्ति मुक्ति दाता॥
जय जानकीनाथ, जय श्रीरघुनाथ॥
लक्ष चौरासी काटोमेतो यम त्रासा।
निसिदिन प्रभु मोहि राखिये अपने ही पासा॥
जय जानकीनाथ, जय श्रीरघुनाथ॥
राम भरत लछिमनसंग शत्रुहन भैया।
जगमग ज्योति विराजै, शोभा अति लहिया॥
जय जानकीनाथ, जय श्रीरघुनाथ॥
हनुमत नाद बजावत,नेवर झमकाता।
स्वर्णस्थल कर आरतीकौशल्या माता॥
जय जानकीनाथ, जय श्रीरघुनाथ॥
सुभग मुकुट सिर, धनु सरकार सोभा भारी।
मनीराम दर्शन कृपाल-पाल बलिहारी॥
जय जानकीनाथ, जय श्रीरघुनाथ॥
जय जानकीनाथ,जय श्रीरघुनाथ।
दोउ कर जोरें बिनवौं,प्रभु! सुनिये बाता॥
जय जानकीनाथ, जय श्रीरघुनाथ॥