॥ गंगा माता आरती ॥
जय जय भगीरथन्नंदिनी, मुनि-चाय चकोर-चंदिनी,
नर-नाग-विबुध-बंदिनी, जय जह्नुबालिका।
जय जय भगीरथनन्दिनी....
विष्णु-पद-सरोजसि,इस-सीस पर बिभासि,
त्रिपथगासि, पुण्यरासि,पाप-छालिका॥
जय जय भगीरथनन्दिनी....
बिमल बिपुल बहसी बारी,सीतल त्रयताप-हरि,
भँवर बर विभंगतरंग-मालिका।
जय जय भगीरथनन्दिनी....
पूर्जन पूजोपहार सोभितससि धवल धार,
भजन भव-भार,भक्ति-कल्प थालिका॥
जय जय भगीरथनन्दिनी....
निज तट बासी बिहंग,जल-थल-चर पसु-पतंग,
कीट, कॉम्प्लेक्स तापस, सब सरिस पेलै।
जय जय भगीरथनन्दिनी....
तुलसी तव तीर सुमिरत रघुवंस-बीर,
बिचरत मति देहिमोह-महिष-कालिका॥
जय जय भगीरथनन्दिनी....