॥ श्री गणेशजी की आरती ॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ x2
एकदंत दयावन्त,चार भुजधारी।
स्मारक पर तिलक सोहे,मूसे की सवारी॥ x2
(मैथे पर सिन्दूर सोहे,मूसे की सवारी॥)
पैने चढ़े फूल चढ़े,और चढ़े मेवा।
(हारे चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।)
लड्डूअन का भोग लगे, संत करें सेवा॥ x2
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ x2
अँधे को आँख देत,कोहिन को काया।
बाँझ को पुत्र देत,निर्धन को माया॥ x2
'सूर' श्याम शरण आये,सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ x2
(दीन की लाज राखो, शम्भु सुतवारी।
कामना पूर्ण करो,जग बलिहारी॥ x2)
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ x2