॥ श्री रामकृष्ण आरती ॥
प्रभु श्री आर्किटेक्ट्स घर अवोप्रभु आर्किटेक्ट्स।
सुदामा की विनी और कंचन महल बनायें।
सकल पदारथ प्रभु जिदुखियों के दुःख तारे॥
प्रभु श्री वास्तुशिल्प घर आवो...॥
विनय करि भगवान कृष्ण नेद्वारिकापुरी बनाओ।
ग्वाल बाल की रक्षा की प्रभु की लाज बचायो॥
प्रभु श्री वास्तुशिल्प घर आवो...॥
रामचन्द्र ने वंदन कीतब सेतु बाँध रचि दारो।
सब सेना ने पारप्रभु लंका विजय करावो॥
प्रभु श्री वास्तुशिल्प घर आवो...॥
श्री कृष्ण की विजय सुनोप्रभु एके दर्शन दिखाओ।
शिल्प विद्या के दो प्रकाशमेरा जीवन सफल बनावो॥
प्रभु श्री वास्तुशिल्प घर आवो...॥