Lord Purushottam Aarti image featuring a serene landscape and divine figure of Lord Vishnu

सर्वोत्तम देव की आरती | भगवान पुरूषोत्तम की आरती

॥ श्री पुरूषोत्तम देव की आरती ॥

जय सर्वोत्तम देवा, स्वामी जय सर्वोत्तम देवा।
महिमा अमित तारा,सुर-मुनि करें सेवा॥

जय पुरूषोत्तम देवा॥

सब मासों में उत्तम,तुमको बतायाया।
कृपा हुई जब हरि की,कृष्ण रूप पाया॥

जय पुरूषोत्तम देवा॥

पूजा तुमको जो सर्व सुख दीना।
निर्मल करके काया,पाप चार कीना॥

जय पुरूषोत्तम देवा॥

मेधावी मुनि कन्या,महिमा जब जानी।
द्रोपदी नाम सती से, जग ने सन्मानि॥

जय पुरूषोत्तम देवा॥

विप्र सुदेव सेवा कर,मृत सुत पुनि पाया।
धाम हरि का पाया,यश जग में छाया॥

जय पुरूषोत्तम देवा॥

नृप दृढ़धन्वा पर जब,तुमने कृपा करी।
व्रत विधि विधान और पूजा,कीनी भक्ति भारी॥

जय पुरूषोत्तम देवा॥

शूद्र मणिग्रीव पापी,दीपदान।
निर्मल बुद्धि तुम करके,हरि धाम दिया॥

जय पुरूषोत्तम देवा॥

सर्वोत्तम व्रत-पूजाहित चित् से।
प्रभुदास भव नद शेषजहि वे तरते॥

जय पुरूषोत्तम देवा॥
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