॥ जानकी माता आरती ॥
आरती कीजै श्रीजेन लली की।
राममधुपमन कमल काली की॥
आरती कीजै श्रीकेन लली की...॥
रामचन्द्र, मुखचन्द्र चकोरी।
अंतर सांवर बाहर गोरी।
सकल सुमनगल सुफल फली की॥
आरती कीजै श्रीकेन लली की...॥
पिय दृगमृग जुग-वंधन डोरी,
पिया प्रेम रस-राशि किशोरी।
पिया मन गति विश्राम थाली की॥
आरती कीजै श्रीकेन लली की...॥
रूप-रस गुणनिधि जग स्वामिनी,
प्रेम प्रवीन राम अभिरामिणि।
सरबस धन हरिचंद अली की॥
आरती कीजै श्रीकेन लली की...॥