Divine depiction of Lord Krishna playing flute with moon backdrop, symbolizing Budhwar Ki Aarti

रविवार की आरती | बुधवार की आरती

॥ श्री कृष्ण की आरती ॥

आरती मित्रकिशोर कीजै।तन मन धन न्योछावर कीजै॥
गौरश्याम मुख निराखन लीजै, हरि का स्वरूप नयन भारी पीजै।

रवि शशि कोटि बदन की शोभा, ताहि निरखि मेरो मन लोभा।
ओ दे नील पीत पट सारी, कुंजबिहारी गिरिवरधारी।

फूलन की सेज फूलन की माला, रत्न सिंहासन बैठे नन्दलाला।
कंचन थाल कपूर की बाती,हरि आए निर्मल भाई छाती।

श्री गिरिवरधारी,आरती करें सकल बृजनारी।
नन्दनन्दन बृजभान किशोरी, परमानन्द स्वामी अविचल जोरी।
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