॥ દોહા ॥
जय काली जगदम्ब जय,हरनि ओघ अघ पुंज।
वास करहु निज दास के, निशदिन हृदय निकुंज ॥
જયતિ કપાલી કાલીકા,કંકલી સુખ દાનિ.
कृपा करहु वरदायिनी, નિજ सेवक अनुमानि ॥
॥ चौपाई ॥
જય જય જય કાલી કંકાલી।जय कपालिनी, जयति कराली।
शंकर प्रिया, अपर्णा, अम्बा।जय कपर्दिनी, जय जगदम्बा॥
आर्या, हला, अम्बिका, माया।कात्यायनी उमा जगजाया॥
गिरिजा गौरी दुर्गा चण्डी।दाक्षाणायिनी शाम्भवी बहुती ॥
પાર્વતી મંગળા भवानी।विश्वकारिणी सती मृदानी ॥
सर्वमंगला शैल नंदिनी।हेमवती तुम जगत वन्दिनी।
બ્રહ્મચારિણી કાલરાત્રી જય મહારાત્રી જય મોહરાત્રી જય
તમે ત્રિમૂર્તિ રોહિણી કાલીકા.કુષ્માન્ડા કાર્તિકા ચંડિકા ॥
તારા भुवनेश्वरी अनन्या।तुम्हीं छिन्नमस्ता शुचिध्न्या॥
धूमावती षोडशी माता।बगला मातंगी विख्याता॥
તમે ભૈરવી માતુ તમને કમલા।રક્તદંતિકા કીર્તિ અમલા
शाकम्भरी कौशिकी भीमा। महातमा अग जग की सीमा ॥
चन्द्रघण्टिका तुम सावित्री। ब्रह्मवादिनी मां गायत्री ॥
રુद्राणी तुम कृष्ण पिंगला।अग्निज्वाला तुम सर्वमंगला ॥
मेघस्वना तपस्विनि योगिनी। सहस्राक्षि तुम अगजग भोगिनी ॥
जलोदरी सरस्वती डाकिनी। त्रिदशेश्वरी अजय लकिनी॥
पुष्टि तुष्टि धृति स्मृति शिव दूती।कामाक्षी लज्जा आहूती।
મહોદરી કામાક્ષિ હારિણી।વિनायकी श्रुति महाशाकिनी ॥
અજા કર્મમોही બ્રહ્માણી ।ધાત્રી વારાહી શરવાણી ॥
स्कन्द मातु तुम सिंह वाहिनी।मातु सुभद्रा रहहु दाहिनी॥
नाम गुण अमित तुंस।शेष शारदा बरणत हारे ॥
તનુ છબી શ્યામવર્ણ તવ માતા।નામ કાલીકા વિશ્વ વિજ્ઞાતા ॥
अष्टदश तब भुजा मनोहर।तिनमहँ अस्त्र विराजत सुंदर ॥
शंख चक्र अरु गदा सुहावन।परिघ भुशण्डी घंटे पावन।
શૂલ બજ્ર ધનુબાણ ઉઠાવે।નિશિચર કુલ સબ મારી ગીરાયે ॥
शुंभ निशुंभ दैत्य संहारे।रक्तबीज के प्राण निकारे॥
ચોંસઠ યોગિની નાચત સંગા।मद्यपान कीन्हैउ रणगंगा॥
કટિ કિંકિણી મધુર નૂપુર ધૂનિ। दैत्यवंश कांपत जेहि सुनि-सुनि।
કર ખપ્પર ત્રિશૂલ ભયકારી।અહૈ સદા સન્તન સુખકારી ॥
शव आरूढ़ नृत्य तुम साजा।બજત मृदंग भेरी के बाजा ॥
રક્ત पान अरिदल को कीन्हा।प्राण तजेउ जो तुम्हिं न चीनहा।
લપલપતિ જીવા તવ માતા।भक्तन सुख दुष्टन दुःखदाता ॥
लसत भाल सेंदुर को टीको।बिखारे केश रूप अति नीको।
મુંડમાલ ગલ બહુ સોहत। ભુજામલ કિંકણ મનમોહન ॥
પ્રલય નૃત્ય તમે કરહુ भवानी।जगदम्बा कहि वेद बखानी ॥
तुम मशान वासीनी कराला।भजत तुरत काटहु भवजाला॥
બાવન શક્તિ पीठ तव सुंदर।
विन्धवासीनी कहूँ बड़ीई।कहँ कालिका रूप सुहाई ॥
शाकम्भरी बनी कहँ ज्वाला।महिषासुर मर्दिनी कराला ॥
कामाख्या तव नाम मनोहर।पुजवहीं मनोकामना द्रुततर ॥
ચંડ મુંડ વધિ છિન મહં કરેઉ ।દેવન કે ઉર આનંદ ભરેઉ ॥
सर्व व्यापिनी तुम माँ तारा। अरिदल दलन लेहु अवतारा।
खलबल मचत सुनत उपलब्धी।
तुम्माविश्व रूपा गुणखानी।विश्व स्वरूपा तुम महारानी ॥
ઉત્પત્તિ સ્થિતિ લય તમને કારણ।કરહુ દાસના દોષ નિવારણ ॥
माँ उर वास करहू तुम अंबा।सदा दीन जन की अवलंबा।
તુમ્હારો ધ્યાન ધરૈ જે કોઈ ।
विश्वरूप तुम आदि भवानी।महिमा वेद पुराण बखानी ॥
અતિ અપાર તવ નામ પ્રભાવા।જપત ન રહન રંચ દુઃખ દાવો ॥
મહાકાલિકા જયકલ્યાણી।જયતિ સદા सेवक सुखानी ॥
તમે અનંત ઔદાર્ય વિभूषण।
दास जानि निज दया दिखावहु।सुत अनुमानित सहित अपनावहु।
जनी तुम सेवक प्रति पाली।करहु कृपा सब विधि माँ काली।
પાઠ કરૈ ચાલીસાઈ।તાપર કૃષ્ણ જે હોઈ ॥
॥ દોહા ॥
જય તારા, जय दक्षिण,कलावती सुखमूल।
शरणागत 'भक्त' છે, રહહુ સદા અનુકૂળ ॥